नायगांव में गड्डों से परेशान रिक्शा चालकों ने किया रास्ता रोको आंदोलन...
Rickshaw drivers troubled by potholes in Naigaon staged a rasta roko aandolan...
रिक्शा चालकों द्वारा आहूत रिक्शा बंद आंदोलन के कारण सुबह में काम पर जाने वाले यात्रियों को ढाई से तीन किलोमीटर पैदल चलकर नायगांव स्टेशन जाना पड़ा। इस आंदोलन के चलते कुछ स्कूलों ने बच्चों को छुट्टी दे दी थी, ताकि स्कूली छात्रों को नुकसान न हो।
नायगांव : नायगांव बापाने मुख्य मार्ग पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हैं। इससे सड़क की हालत काफी खराब हो गयी है। नायगांव पूर्व के नाराज रिक्शा चालकों ने मंगलवार सुबह से रिक्शा बंद आंदोलन किया। सुबह काम पर निकले नागरिकों को रिक्शा नहीं मिलने से परेशानी उठानी पड़ी।
ज्ञात हो कि, नायगांव बापाने को महामार्ग से जोड़ने वाली 5.2 किमी लंबी मुख्य सड़क नायगांव पूर्व से होकर गुजरी है। इस सड़क से प्रतिदिन हजारों वाहनों का आवागमन होता है, लेकिन इस सड़क का उचित रखरखाव नहीं होने के कारण सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं। इस गड्ढे से होकर रिक्शा चालकों सहित वाहन चालकों को खतरनाक सफर करना पड़ता है।
इस क्षेत्र में स्थानीय रिक्शा चालकों के 750 रिक्शे हैं और वे सुबह 3 बजे से रात्रि 2:30 बजे तक यात्रियों को सेवा देते है। हालांकि गड्डों की वजह से रिक्शा चलाने में बड़ी दिक्कतें हो रही थीं, साथ ही हादसे भी हो रहे थे और गाड़ियां क्षतिग्रस्त भी हो रही थीं। बार-बार शिकायत करने के बाद भी महानगर पालिका और लोक निर्माण विभाग के माध्यम से मरम्मत नहीं कराए जाने से नाराज रिक्शा मालिक संघ ने मंगलवार की सुबह तीन बजे से रिक्शा बंद आंदोलन शुरू कर दिया।
इसके बाद 10 बजे गांव के रिक्शा चालकों, विभिन्न राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने जुचंद्रा में सड़क रोको आंदोलन किया। प्रदर्शनकारियों ने दो घंटे तक सड़क जाम रखा, यहां प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि जबतक सड़क का जीर्णोद्धार नहीं हो जाता, तब तक वे धरना वापस नहीं लेंगे।
इसके बाद नायगांव थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रमेश भामे ने मनपा अधिकारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत करायी। सहायक आयुक्त मनाली शिंदे. (वार्ड समिति जी) और लोक निर्माण विभाग के उपायुक्त सुरेश शिंगाने, सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रशांत ठाकरे द्वारा सड़क मरम्मत एवं नवीनीकरण का कार्य पूरा किया जायेगा।
रिक्शा चालकों द्वारा आहूत रिक्शा बंद आंदोलन के कारण सुबह में काम पर जाने वाले यात्रियों को ढाई से तीन किलोमीटर पैदल चलकर नायगांव स्टेशन जाना पड़ा। इस आंदोलन के चलते कुछ स्कूलों ने बच्चों को छुट्टी दे दी थी, ताकि स्कूली छात्रों को नुकसान न हो।

