गोरेगांव से कांदिवली तक 4.5 किमी लंबा रूट लगभग तैयार... मुंबई लोकल की एसी में जानें कब कर सकेंगे सफर

4.5 km long route from Goregaon to Kandivali is almost ready... Know when you will be able to travel in Mumbai local AC.

गोरेगांव से कांदिवली तक 4.5 किमी लंबा रूट लगभग तैयार... मुंबई लोकल की एसी में जानें कब कर सकेंगे सफर

गोरेगांव से कांदिवली के बीच एक मेजर ब्रिज का काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा 12 में से 8 माइनर ब्रिज का काम पूरा हो चुका है और शेष 4 का काम अगले महीने तक पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही सिग्नलिंग का क़रीब 70% काम और ओवर हेड वायर का 30% काम पूरा हो गया है। बोरीवली से मुंबई सेंट्रल के बीच 30 किमी की छठी लाइन तैयार हो रही है। लोकल ट्रेनों को मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों से अलग रखने के लिए पांचवीं-छठी लाइन तैयार हो रही है।

मुंबई : पश्चिम रेलवे पर जल्द ही यात्रियों को राहत मिलने वाली है। जून तक छठी लाइन की शुरुआत तक होने की संभावना है। इसके साथ ही 15 मई तक पश्चिम रेलवे को एक और एसी लोकल मिलने वाली है, जिससे यात्रियों को गर्मी से थोड़ी राहत मिलेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार गोरेगांव से कांदिवली तक 4.5 किमी लंबा रूट लगभग तैयार है और यदि भूमि अधिग्रहण की कुछ परेशानियां दूर हो जाएं, तो इसी साल नवंबर में बोरीवली तक अभी छठी लाइन शुरू हो सकती है। नवंबर, 2023 में खार से गोरेगांव तक छठी लाइन की शुरुआत हुई थी।

पश्चिम रेलवे के अनुसार, गोरेगांव से कांदिवली के बीच एक मेजर ब्रिज का काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा 12 में से 8 माइनर ब्रिज का काम पूरा हो चुका है और शेष 4 का काम अगले महीने तक पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही सिग्नलिंग का क़रीब 70% काम और ओवर हेड वायर का 30% काम पूरा हो गया है। बोरीवली से मुंबई सेंट्रल के बीच 30 किमी की छठी लाइन तैयार हो रही है। लोकल ट्रेनों को मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों से अलग रखने के लिए पांचवीं-छठी लाइन तैयार हो रही है।

दस साल पहले 2014 में चलती लोकल से गिरकर 797 लोगों की मौत हुई थी। पिछले दस सालों में सर्विस भी बढ़ी हैं, कोविड के बाद यात्रियों की संख्या में गिरावट भी हुई है और रेलवे के नेटवर्क में कुछ विस्तार भी हुआ है। इसका थोड़ा-सा असर ज़रूर दिखाई दे रहा है। 7 साल पहले पश्चिम रेलवे पर पहली एसी लोकल चली थी और दस सर्विस के साथ शुरुआत हुई थी।

2014 से 2018 तक पश्चिम रेलवे पर ट्रेन से गिरकर हर साल औसतन 230 लोगों की मौत हो रही थी। कोविड के तीन साल छोड़ दें, तो 2022 में पश्चिम रेलवे पर ट्रेन से गिरकर मरने वालों की संख्या में और गिरावट हुई। पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2022 में 190, तो 2023 में 159 लोगों की ट्रेन से गिरकर मौत हुई। एसी लोकल युग से पहले की पिछले साल से तुलना करें, तो करीब 70 लोगों की जान बची है। 2022 में एसी लोकल की संख्या 79 थीं, तो 2023 में 96 पहुंच गई। इस एक साल की तुलना कर लें, तो 2022 के मुकाबले 2023 में 31 लोगों की पश्चिम रेलवे पर जान बची है।

पश्चिम रेलवे पर मुंबई में लोकल ट्रेनों की इन प्रीमियम सेवाओं को यात्री भी मिल रहे हैं और संख्या भी बढ़ रही है। फिलहाल, पश्चिम रेलवे पर 96 और मध्य रेलवे पर 66 एसी लोकल रोजाना चल रही हैं। इसी साल (2024) में दिसंबर तक पश्चिम रेलवे को कुल 4 मिलने वाले हैं। इन रेक की बदौलत पश्चिम रेलवे पर क़रीब 40 और सेवाएं चल सकती हैं।

इनमें से यदि 25% सेवाएं भी पीक ऑवर्स में शामिल करें, तो ट्रेन से गिरने वालों की संख्या में और कमी आ सकती है। बहरहाल, यह एक पक्ष लोगों की जान से जुड़ा तो दूसरा पहलू एसी लोकल का किराया भी है, जो करीब सौ साल से दुनिया की सबसे सस्ती पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवा लेने वालों के लिए जरा महंगी साबित हो रही है। इसी विरोध के चलते मध्य रेलवे पर अब भी एसी लोकल सेवाओं को लेकर संकोच कायम है।

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