महाराष्ट्र में पुणे के एक अस्पताल में नर्स की लापरवाही से दो मरीजों को चढ़ा गलत ब्लड ग्रुप, जा सकती थी जान

Due to negligence of a nurse in a hospital in Pune, Maharashtra, two patients were given wrong blood group, they could have lost their lives.

महाराष्ट्र में पुणे के एक अस्पताल में नर्स की लापरवाही से दो मरीजों को चढ़ा गलत ब्लड ग्रुप, जा सकती थी जान

ब्लड चढ़ाने के दौरान मरीज ने बेचैनी की शिकायत की, जिसके बाद मेडिकल स्टाफ की गलती सामने आई. दरअसल, शनिवार (23 मार्च) को पुणे के औंध सिविल अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक सहित दो मरीजों को गलत ब्लड ग्रुप चढ़ा दिया गया, जिससे दोनों मरीज आईसीयू में पहुंच गए. दोनों एक दूसरे के बगल वाले बिस्तर पर इलाज करा रहे थे, लेकिन नर्स की लापरवाही की वजह से दोनों के ब्लड बैग बदल गए और गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया गया.

पुणे : महाराष्ट्र में पुणे के एक अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई है. पुणे के औंध अस्पताल में दो मरीजों के ब्लड बैग की अदला-बदली होने से उनकी स्थिति बिगड़ गई. दोनों मरीजों को गलत ब्लड चढ़ा दिया गया. इसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा. डॉक्टरों की निगरानी में दोनों मरीजों का इलाज जारी है.

ब्लड चढ़ाने के दौरान मरीज ने बेचैनी की शिकायत की, जिसके बाद मेडिकल स्टाफ की गलती सामने आई. दरअसल, शनिवार (23 मार्च) को पुणे के औंध सिविल अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक सहित दो मरीजों को गलत ब्लड ग्रुप चढ़ा दिया गया, जिससे दोनों मरीज आईसीयू में पहुंच गए. दोनों एक दूसरे के बगल वाले बिस्तर पर इलाज करा रहे थे, लेकिन नर्स की लापरवाही की वजह से दोनों के ब्लड बैग बदल गए और गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया गया.

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टरों ने कहा कि मरीजों में कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं हुई और वे निगरानी में हैं. जानकारी के मुताबिक दो मरीजों में से एक एनीमिया से पीड़ित (70+) और दूसरा (54) पेट और अंगों में सूजन को लेकर भर्ती कराया गया था. दोनों को ब्लड चढ़ाने की सलाह दी गई थी. अस्पताल ने कहा कि एक का ब्लड ग्रुप B+ है, जबकि दूसरे का A+ है. गड़बड़ी की पुष्टि करते हुए, औंध सिविल अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नागनाथ येमपल्ले ने कहा कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के मरीज ने बेचैनी की शिकायत की, जिसके तुरंत बाद ब्लड ट्रांसफ्यूजन रोक दिया गया.

प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि रोगी को प्रतिरक्षा बढ़ाने और हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सिफारिश की गई थी. इलाज करने वाले डॉक्टर ने दोनों रोगियों की अच्छी तरह से जांच की और रक्त चढ़ाने से पहले उनके ब्लड ग्रुप का भी उल्लेख किया. रोगियों की देखभाल करने वाली नर्स ने ब्लड चढ़ाने के समय गलती से ब्लड की थैलियां बदल दीं.

सिविल सर्जन ने कहा कि हालांकि, इसकी वजह से दोनों मरीजों में कोई बड़ा रिएक्शन नहीं हुआ, लेकिन हम स्वीकार करते हैं कि यह एक बड़ी गलती है. हमने मामले की जांच शुरू कर दी है और जिम्मेदार नर्स को छुट्टी पर भेज दिया है. घटना की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसके आगे की कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य उप निदेशक को सौंपे जाएंगे.

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