सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को लेकर एक और खुशखबरी... यान का पेलोड करने लगा काम
Another good news regarding Surya Mission Aditya-L1... Work started on payload of the vehicle
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इसरो ने कहा कि आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (एएसपीईएक्स) में दो अत्याधुनिक उपकरण 'सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर और सुप्राथर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (एसटीईपीएस) शामिल हैं, जो अब काम करने लगे हैं। इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी-सी57) को 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को लेकर इसरो ने बड़ा अपडेट दिया है। आदित्य-एल1 में लगे सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट पेलोड ने अपना काम करना शुरू कर दिया है और सामान्य रूप से काम कर रहा है। आदित्य-एल1 पहला भारतीय अंतरिक्ष-आधारित यान है, जो पहले सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन प्वाइंट (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा से सूर्य का अध्ययन करती है।
इसरो ने कहा कि आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (एएसपीईएक्स) में दो अत्याधुनिक उपकरण 'सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर और सुप्राथर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (एसटीईपीएस) शामिल हैं, जो अब काम करने लगे हैं। इसरो के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी-सी57) को 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
इसरो के अनुसार, उपकरण ने सौर पवन आयनों, मुख्य रूप से प्रोटॉन और अल्फा कणों को सफलतापूर्वक मापा है। एजेंसी ने कहा कि नवंबर 2023 में दो दिनों में एक सेंसर से प्राप्त नमूना ऊर्जा हिस्टोग्राम प्रोटॉन और अल्फा कण (दोगुने आयनित हीलियम, He2+) की संख्या में भिन्नता को दर्शाया है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि SWIS की दिशात्मक क्षमताएं सौर पवन प्रोटॉन और अल्फा की सटीक माप को सक्षम बनाती हैं, जो सौर पवन गुणों और उसकी प्रक्रियाओं और पृथ्वी पर उनके प्रभाव के बारे में लंबे समय से चले आ रहे प्रश्नों का समाधान देता है।