कांग्रेस की केंद्र और महाराष्ट्र में सत्ता आई तो आरक्षण पर बनेगी बात - नाना पटोले

If Congress comes to power in Center and Maharashtra then there will be discussion on reservation - Nana Patole ​

कांग्रेस की केंद्र और महाराष्ट्र में सत्ता आई तो आरक्षण पर बनेगी बात - नाना पटोले

नाना पटोले ने दावा किया कि कम से कम 16 मंत्री मुंबई में हुई पिछली कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए थे, जो शिवसेना-भाजपा-राकांपा सरकार में मामलों की स्थिति को इंगित करता है। पटोले ने कहा कि पहले से ही, मंत्रालयों के 17 पद खाली हैं। ऊपर से कैबिनेट की पिछली बैठक में भी 16 मंत्री शामिल नहीं हुए । इससे पता चलता है कि राज्य किस तरह की स्थिति से गुजर रहा है । 

मुंबई : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने सोमवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण से संबंधित मुद्दों का समाधान करेगी। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र और महाराष्ट्र सरकार इन मसलों का समाधान करने के लिये तैयार नहीं हैं। पटोले ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा किअगर कांग्रेस केंद्र और महाराष्ट्र में सत्ता में आती है, तो हम निश्चित रूप से इन लंबित मुद्दों का समाधान करेंगे ।

पटोले ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी की जाति जनगणना की मांग इन मुद्दों की जड़ तक पहुंचने और इसके समाधान निकालने के हमारे संकल्प के अनुरूप है। महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में मराठा समुदाय द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। कुनबी मराठों को ओबीसी में शामिल करने के किसी भी कदम का अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय विरोध कर रहे हैं। 

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पटोले ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर उन किसानों के प्रति उदासीन होने का भी आरोप लगाया, जिनकी फसल अनियमित बारिश के कारण नष्ट हो चुकी है । कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘राज्य में औद्योगिक निवेश घट रहा है। हर बार जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महाराष्ट्र का दौरा करते हैं, तो वह निवेश के कुछ अवसर गुजरात ले जाते हैं, जिससे राज्य सरकार के राजस्व पर असर पड़ा है।

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नाना पटोले ने दावा किया कि कम से कम 16 मंत्री मुंबई में हुई पिछली कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए थे, जो शिवसेना-भाजपा-राकांपा सरकार में मामलों की स्थिति को इंगित करता है। पटोले ने कहा कि पहले से ही, मंत्रालयों के 17 पद खाली हैं। ऊपर से कैबिनेट की पिछली बैठक में भी 16 मंत्री शामिल नहीं हुए । इससे पता चलता है कि राज्य किस तरह की स्थिति से गुजर रहा है । 

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