पत्नी का पति की खानदानी संपत्ति में कितना अधिकार है?

How much right does the wife have in her husband's family property? ​

पत्नी का पति की खानदानी संपत्ति में कितना अधिकार है?

भारत में ऐसे बहुत सारे पति-पत्नी है जो संपत्ति खरीदने के बाद दोनों अपने-अपने नाम पर रजिस्टर्ड करवाते हैं। उस स्थिति में उसका मालिकाना हक दोनों के पास मौजूद होता है। जब कभी उन दोनों के बीच तलाक होता है तब वो दोनों अपनी-अपनी संपत्ति पर दावा कर सकते हैं, लेकिन पत्नी को उस दौरान इस चीज का प्रूफ देना पड़ेगा कि उन्होंने उस प्रॉपर्टी को खरीदने में अपना योगदान दिया है। यदि वो ऐसा करने में असफल रहती है तो फिर उस संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती है।

मुंबई: भारतीय संविधान में संपत्ति को लेकर कई तरह की बातें कही गई है जिसका पालन करना हर किसी का कर्तव्य है। एक समय ऐसा हुआ करता था कि महिलाओं को अपने परिवार के संपत्ति को लेकर कोई फैसला लेने की आजादी नहीं थी, क्योंकि यह काम पुरुषों के हाथ में हुआ करता था। लेकिन अब समय बदल रहा है जिस वजह से महिलाओं को लेकर भी बातें हो रही है। कानून में महिलाओं के हक की बात की गई है जिसमे यह भी बताया गया है कि परिवार में उनका कितना हक है।

आज के दौर में महिलाओं को लेकर हमेशा कुछ ना कुछ बातें होती रहती है। इस वजह से बहुत सारे लोग यह सोच रहे होंगे कि पति के खानदानी संपत्ति में पत्नी का कितना अधिकार होता है? तो चलिए आज हम इस सवाल का उत्तर जानते हैं।

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इस तरह के सवाल लोगों के मन में तब आने लगते हैं जब किसी पति-पत्नी के बीच तलाक होता है। भारतीय संविधान के अनुसार यदि संपत्ति पति ने खुद बनाई है और वह उन्ही के नाम पर है तो तलाक के बाद भी पत्नी को उसमे कोई अधिकार नहीं मिलेगा। इसके अलावा पति खुद की नाम पर कोई प्रॉपर्टी खरीदता है तो उस पर पत्नी दावा नहीं कर सकती है। क्योंकि भारतीय संविधान में यह साफ-साफ लिखा हुआ है कि किसी संपत्ति का मालिक वही हो सकता है जिसके नाम पर वह प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड है।

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भारत में ऐसे बहुत सारे पति-पत्नी है जो संपत्ति खरीदने के बाद दोनों अपने-अपने नाम पर रजिस्टर्ड करवाते हैं। उस स्थिति में उसका मालिकाना हक दोनों के पास मौजूद होता है। जब कभी उन दोनों के बीच तलाक होता है तब वो दोनों अपनी-अपनी संपत्ति पर दावा कर सकते हैं, लेकिन पत्नी को उस दौरान इस चीज का प्रूफ देना पड़ेगा कि उन्होंने उस प्रॉपर्टी को खरीदने में अपना योगदान दिया है। यदि वो ऐसा करने में असफल रहती है तो फिर उस संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती है।

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यदि पत्नी उस संपत्ति को लेकर यह दावा करने में सफल होती है कि उन्होंने उसे खरीदने में अपना योगदान दिया था। उसके बाद उन्हें उसमे उतनी ही प्रॉपर्टी दी जाएगी, जितना उन्होंने योगदान दिया था। जिन लोगों को लगता है कि भविष्य में उनके साथ ऐसा कुछ हो सकता है तो इसके लिए उन्हें पहले से सभी दस्तावेज रखने चाहिए। इससे महिलाओं को पति से अपना हक लेने में आसानी होगी।
पति की खानदानी संपत्ति पर पत्नी का कितना हक है?

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अगर किसी महिला की खानदानी संपत्ति उसके पत्नी के नाम पर कर दी गई है तो उसमे उसका भी उतना अधिकार है जितने उसका पति का। लेकिन वह संपत्ति महिला अपने नाम तभी कर सकती है जब उसके पति की मृत्यु हो जाएगी। अगर कोई महिला अपने पति से तलाक लेती है तो उसके बाद उनके पति के खानदानी संपत्ति में कोई अधिकार नहीं होगा।