
पहाड़ी के किनारे बसे लोगों को BMC की चेतावनी, 'मॉनसून से पहले सुरक्षित स्थानों पर जाएं'
BMC warns people about monsoon and ask the residents of hilly areas to vacate the places...
मायानगरी मुंबई में हर साल बारिश के मौसम में लैंडस्लाइड की ख़बरें सामने आती हैं। इसकी वजह से कई बार लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। लिहाजा, हमेशा की तरह इस बार भी बीएमसी ने खानापूर्ति करते हुए यहां रहें वाले लोगों को बारिश के पहले सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा है।
मुंबई: विक्रोली एवं भांडुप एरिया में पहाड़ी के किनारे बसे झोपड़ा धारकों को बीएमसी ने चेतावनी दी है। बीएमसी ने आदेश जारी कर यहां रहने वाले लोगों को मॉनसून पूर्व सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। यहां रहने वालों को भेजे नोटिस में बीएमसी ने कहा कि यदि मॉनसून दौरान लोग इस खतरनाक जगह पर रहते हैं और कोई अप्रिय घटना घटती है तो उसके लिए लोग खुद जिम्मेदार होंगे। बता दें कि मुंबई में बड़े पैमाने पर झोपड़पट्टी पहाड़ियों के नीचे या आसपास बसी है। बारिश से पहले बीएमसी प्रशासन यहां रहने वालों को नोटिस देकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेता है। बीएमसी एस वॉर्ड ने विक्रोली पश्चिम में सूर्यानगर, पवई, गौतम नगर, पासपोली, जयभीम नगर, गौतम नगर, इसी तरह भांडुप पश्चिम स्थित रमाबाई आंबडेकर नगर भाग 1 और 2, नरदास नगर, गांवदेवी टेकडी, गांवदेवी मार्ग, टेंभी पाडा, रावते कंपाउंड, खिडीपाडा, रामनगर, हनुमान नगर, हनुमान टेकडी, अशोक टेकडी, डक लाइन रोड, नवजीवन सोसायटी, तानाजी वाडी, दरगाह रोड, खदान विश्व शांति सोसायटी आदि इलाके पहाड़ियों के किनारे बसे हैं।
बीएमसी अधिकारी ने कहा कि मॉनसून के दौरान पहाड़ी खिसकने की आशंका रहती है। भारी बारिश के दौरान पहाड़ी से तेज रफ्तार में नीचे आने वाले पानी भी झोपड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, अथवा तेज बहाव में झोपड़ों को बहा भी ले जा सकते हैं। इससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इसे टालने के लिए बीएमसी प्रशासन ने यहां रहने वाले लोगों को समय पर सुरक्षित स्थानों पर चले जाने का सुझाव दिया है।
मॉनसून में भारी बारिश के समय पहाड़ी खिसकने की घटना सामने आती है। इससे बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि होती है। इसे रोकने के लिए बीएमसी ने ऐसे स्थानों पर सुरक्षा दीवार बनाने का फैसला किया है। मुंबई में 700 स्थानों पर सुरक्षा दीवार बनने का काम किया जाना था। इसमें अब तक 550 स्थानों पर दीवार बनाने का काम लगभग पूरा किया जा चुका है। मात्र 140 स्थानों पर सुरक्षा दीवार बनाने का काम बचा हुआ है। यह जानकारी उपनगर के जिलाधिकारी राजेंद्र भोसले ने दी। इस पर लगभग 125 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
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