एलआईसी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पीएफ का पैसा अडानी समूह में अवैध रूप से निवेश किया गया - नाना पटोले
LIC, SBI, PF money illegally invested in Adani group - Nana Patole
संयुक्त संसदीय समिति की मांग पहली बार नहीं की जा रही है। इससे पहले भी कई मामलों में जेपीसी का गठन कर जांच की जा चुकी है। तथाकथित बोफोर्स मामले में जेपीसी का गठन किया गया था। शेयर बाजार में हुए घोटाले की जांच के लिए भी जेपीसी की स्थापना की गई थी। इसके अलावा शीतल पेय मामले में भी जेपीसी की जांच की गई थी। विशेष रूप से शीतल पेय के संबंध में २००३ में स्थापित जेपीसी की अध्यक्षता एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने की थी।
मुंबई : एलआईसी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पीएफ का पैसा अडानी समूह में अवैध रूप से निवेश किया गया है। यह करोड़ों लोगों की मेहनत का पैसा है। लोगों को इसका हिसाब मिलना चाहिए। यह बात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कही। उन्होंने आगे कहा कि अडानी कंपनियों में हुए घोटाले का सच सामने लाना है तो संयुक्त संसदीय जांच समिति (जेपीसी) के माध्यम से ही पूरा सच सामने आ सकता है। कांग्रेस सहित देश की १९ पार्टियां जेपीसी की मांग पर अडिग हैं।
संयुक्त संसदीय समिति की मांग पहली बार नहीं की जा रही है। इससे पहले भी कई मामलों में जेपीसी का गठन कर जांच की जा चुकी है। तथाकथित बोफोर्स मामले में जेपीसी का गठन किया गया था। शेयर बाजार में हुए घोटाले की जांच के लिए भी जेपीसी की स्थापना की गई थी। इसके अलावा शीतल पेय मामले में भी जेपीसी की जांच की गई थी। विशेष रूप से शीतल पेय के संबंध में २००३ में स्थापित जेपीसी की अध्यक्षता एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने की थी। अडानी मामले में कोई घोटाला नहीं हुआ है तो फिर पीएम मोदी जेपीसी जांच से क्यों डर रहे हैं?
ऐसा सवाल पूछते हुए नाना पटोले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिक्षा मुद्दा नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में उन्होंने अपनी डिग्री का उल्लेख किया है। अगर उनके पास डिग्री है, तो उसे दिखाने में क्या हर्ज है? पटोले ने कहा कि इलेक्शन कमीशन को गलत जानकारी देना गुनाह है, सवाल बस इतना है। महाविकास आघाड़ी के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के तानाशाही शासन के खिलाफ लड़ रहे हैं और हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी। पटोले ने यह भी चेतावनी दी कि अगर स्थानीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी का कोई भी नेता भाजपा से हाथ मिलाता है तो पार्टी उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी।

