अनिल देशमुख बताएंगे 100 करोड़ की वसूली में कौन-कौन शामिल था ? - सांसद प्रताप्राव जाधव
Anil Deshmukh will tell who was involved in the recovery of 100 crores? - MP Prataprav Jadhav
एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख एक साल बाद जेल की सलाखों से बाहर आ रहे हैं। अनिल देशमुख पर बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वझे के जरिए 100 करोड़ रुपए की वसूली करवाने का आरोप लगा था। उन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया गया था।
मुंबई: एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख एक साल बाद जेल की सलाखों से बाहर आ रहे हैं। अनिल देशमुख पर बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वझे के जरिए 100 करोड़ रुपए की वसूली करवाने का आरोप लगा था। उन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में एकनाथ शिंदे गुट के सांसद प्रताप्राव जाधव ने अनिल देशमुख पर तंज कसते हुए एक सवाल किया है।
उन्होंने पूछा है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख जेल से बाहर आ रहे हैं। ऐसे में क्या वह सौ करोड़ रुपए की वसूली के मामले में कौन-कौन लोग शामिल थे, इसका भी खुलासा करेंगे? उन्होंने कहा कि अभी तक इस मामले में सिर्फ अनिल देशमुख और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वझे का नाम सामने आया है। अन्य वसूली बाजों का भी नाम जनता के सामने आना चाहिए।
बता दें कि अनिल देशमुख के जमानत को रद्द करवाने के लिए सीबीआई ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। अदालत के इस फैसले के बाद देशमुख के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हुआ है। सारी कानूनी कार्यवाही पूरी करने के बाद देशमुख आज जेल से बाहर आएंगे।
जाधव ने संजय राउत पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राउत ने कुछ दिन पहले कहा था कि उनके पास बम है। जिसे वह सही समय पर फोड़ेंगे मैं तो कहता हूं कि उनके पास बड़ा बम तो छोड़िए एक सुतली बम भी नहीं है। जाधव ने कहा कि जब से ठाकरे सरकार गई है तब से संजय राउत का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है।
अब उनके पास कोई काम भी नहीं है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके गुट के तमाम सांसदों ने आज मुलाकात की और अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया ताकि जनता की तकलीफों को दूर किया जा सके। सीमा विवाद के मुद्दे पर प्रस्ताव लाने पर भी उन्होंने सीएम का शुक्रिया अदा किया है।
महाविकास अघाड़ी के विधायक सुनील राउत ने सीबीआई पर निशाना साधते हुए कहा है कि सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों की वजह से अनिल देशमुख और नवाब मलिक जैसे नेताओं को जेल की सलाखों के भीतर जाना पड़ा। हालांकि, अब इन्हीं जांच एजेंसी एजेंसियों की याचिका को अदालत द्वारा खारिज किया जा रहा है।
अनिल देशमुख की मुश्किलें तब बढ़ी थीं जब तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने उनके खिलाफ सौ करोड़ रुपए की वसूली के गंभीर आरोप लगाए थे। इन आरोपों के बाद अनिल देशमुख को अपने मंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था जिसके कुछ दिनों बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
उसके बाद से लगातार एक साल तक अनिल देशमुख जेल की सलाखों के भीतर ही रहे। अनिल देशमुख पर परमबीर सिंह ने यह आरोप लगाया था कि उन्होंने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वझे की मदद से 100 करोड़ रुपए की वसूली करवाई थी।
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