पुणे स्थित ‘जय स्तंभ’ भूमि में 22 दिसंबर, 2024 से 5 जनवरी, 2025 की मध्यरात्रि तक प्रवेश करने की अनुमति

Permission to enter 'Jai Stambh' land in Pune from December 22, 2024 to midnight of January 5, 2025

पुणे स्थित ‘जय स्तंभ’ भूमि में 22 दिसंबर, 2024 से 5 जनवरी, 2025 की मध्यरात्रि तक प्रवेश करने की अनुमति

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को कोरेगांव भीमा युद्ध की 207वीं वर्षगांठ पर एक जनवरी को आयोजित होने वाले कार्यक्रम की व्यवस्था करने के लिए एक पखवाड़े तक पुणे स्थित ‘जय स्तंभ’ भूमि में प्रवेश करने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति एसएम मोदक की एकल पीठ ने यह आदेश जारी किया। विवादित भूमि में प्रवेश करने की अनुमति 22 दिसंबर, 2024 से 5 जनवरी, 2025 की मध्यरात्रि तक है।

मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को कोरेगांव भीमा युद्ध की 207वीं वर्षगांठ पर एक जनवरी को आयोजित होने वाले कार्यक्रम की व्यवस्था करने के लिए एक पखवाड़े तक पुणे स्थित ‘जय स्तंभ’ भूमि में प्रवेश करने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति एसएम मोदक की एकल पीठ ने यह आदेश जारी किया। विवादित भूमि में प्रवेश करने की अनुमति 22 दिसंबर, 2024 से 5 जनवरी, 2025 की मध्यरात्रि तक है।

जानकारी के अनुसार 5 जनवरी के बाद सरकार भूमि से हट जाएगी और इसे अपनी मूल स्थिति में बहाल कर दिया जाएगा। पुणे के पेरने गांव में स्थित यह भूमि स्वामित्व विवाद में उलझी हुई है। अदालत की ओर से यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। इसके अनुपालन को लेकर राज्य सरकार को हर साल अदालत से अनुमति लेनी होती है। गौरतलब है कि जय स्तंभ को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा संघ के पेशवा गुट के बीच 1818 में हुए कोरेगांव भीमा युद्ध की याद में स्थापित किया गया था। यह एक सैन्य स्मारक है। युद्ध की सालगिरह पर हर साल श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लाखों लोग जय स्तंभ पर एकत्रित होते हैं।

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