राज्य में शिवसेना छोड़कर अलग हुए विधायकों की स्थिति खराब... चुनाव हो जाएं तो ८० प्रतिशत विधायकों की हार निश्चित- अजीत पवार

The condition of the MLAs who left Shiv Sena in the state is bad… If the elections are held, 80 percent of the MLAs will definitely lose – Ajit Pawar

राज्य में शिवसेना छोड़कर अलग हुए विधायकों की स्थिति खराब... चुनाव हो जाएं तो ८० प्रतिशत विधायकों की हार निश्चित- अजीत पवार

राज्य में शिवसेना छोड़कर अलग हुए विधायकों की स्थिति खराब है, यदि चुनाव हो जाएं तो उनमें से ८० प्रतिशत विधायकों की हार निश्चित होनी है। यह दावा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजीत दादा पवार ने किया है। उन्होंने कहा कि आज शहरों में ही नहीं, ग्रामीण इलाकों में भी उद्धव साहेब के साथ लोगों की भावना जुड़ी है, लोगों में ठाकरे परिवार के प्रति आदर है।

नागपुर : राज्य में शिवसेना छोड़कर अलग हुए विधायकों की स्थिति खराब है, यदि चुनाव हो जाएं तो उनमें से ८० प्रतिशत विधायकों की हार निश्चित होनी है। यह दावा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजीत दादा पवार ने किया है। उन्होंने कहा कि आज शहरों में ही नहीं, ग्रामीण इलाकों में भी उद्धव साहेब के साथ लोगों की भावना जुड़ी है, लोगों में ठाकरे परिवार के प्रति आदर है।

शिंदे के साथ भले बड़ी संख्या में विधायक टूटकर भाजपा के साथ चले गए हों लेकिन उनका भविष्य बहुत उज्ज्वल नहीं है, ग्रामीण इलाकों में शिंदे के साथ गए विधायकों के प्रति खासा नाराजगी है। उसका असर आगामी चुनाव में दिखाई देगा। अजीत पवार नागपुर में मीडिया से बातचीत में बोल रहे थे।

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अजीत पवार ने कहा कि शिंदे गुट के कुछ विधायकों को छोड़ दें तो ८० प्रतिशत विधायक चुनाव में टिकने योग्य नहीं हैं, विधायकों का करियर बहुत लंबा नहीं है, उन्होंने कहा कि इससे पहले भी शिवसेना में फूट पड़ी लेकिन शिवसेना को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि लोग बालासाहेब ठाकरे परिवार को मानते हैं, ना कि उनके अन्य नेताओं को।

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ऐसा उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि छगन भुजबल भी बड़े नेता थे। जब वे गए तो उनके साथ कई लोग गए लेकिन बाद में सब धीरे- धीरे समाप्त हो गए। उसी प्रकार नारायण राणे भी अलग हुए उनके साथ भी कई विधायक गए लेकिन उनके भविष्य भी ज्यादा दिन तक नहीं रहे, कालिदास कोलंबकर को अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए कई पार्टियों में जाना पड़ा।

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बता दें कि लगभग चार महीने पहले शिवसेना से फूटकर एकनाथ शिंदे भाजपा के साथ गए। शिंदे अपने साथ ४० से अधिक विधायक भी ले गए, जिससे राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार को नुकसान हुआ और राज्य में नई एकनाथ शिंदे तथा देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनी। भाजपा के समर्थन से बनी एकनाथ की सरकार के भविष्य को लेकर आए दिन सवाल उठ रहे हैं।

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