युवाओं को ड्रग्स के गर्त में डाल कर खोखला करने की साजिश...
Conspiracy to hollow the youth by putting them in the pit of drugs...
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई सहित पूरा देश आईएसआई, आतंकियों और अंडरवर्ल्ड के निशाने पर रहा है। इन सभी का कनेक्शन पाकिस्तान में मिला है। एक बार फिर कराची में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम आईएसआई के साथ मिलकर भारत में युवाओं को ड्रग्स के गर्त में डाल कर खोखला करने की साजिश रच रहा है।
मुंबई : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई सहित पूरा देश आईएसआई, आतंकियों और अंडरवर्ल्ड के निशाने पर रहा है। इन सभी का कनेक्शन पाकिस्तान में मिला है। एक बार फिर कराची में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम आईएसआई के साथ मिलकर भारत में युवाओं को ड्रग्स के गर्त में डाल कर खोखला करने की साजिश रच रहा है।
उसने ड्रग्स तस्करी का नया जरिया अपनाया है। वो पाकिस्तान से ईरानी नावों पर डी कंपनी का सामान यानी नशे की खेप, हथियार भेज रहा है। सामान लाते समय यदि खतरे का आभास होता है तो उन्हें समुद्र में फेंक दिया जाता है। इसका खुलासा देश में बढ़ रहे ड्रग तस्करी के मामलों की जांच करने वाली एजेंसियों ने किया है।
एनसीबी के जोनल डायरेक्टर अमित घावटे ने बताया कि ड्रग्स की खेप लगातार अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान के रास्ते से आ रही हैं। ये भारत के लिए एक डेडली क्रिसेंट बन चुका है। इस रास्ते से आनेवाली ड्रग्स की खेप का संचालन होता है।
अधिकारी ने खुलासा किया कि ये तस्कर सिर्फ ड्रग्स ही नहीं, बल्कि खतरनाक हथियार जैसे एके-४७ की भी तस्करी करते हैं। ये अपराधी इतने शातिर होते हैं कि वे समय-समय पर अपने रूट बदलते रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इन्हें मुंबई में ड्रग सप्लाई करनी है तो यह देश के दक्षिणी छोर पर पहले ड्रग की खेप को उतारते हैं, फिर उसे अपने नेटवर्क के जरिए सप्लाई करते हैं।
कराची से आनेवाले सामान ईरानी नौकाओं के सहारे भारत में आते हैं। तस्कर नावों का सहारा इसलिए भी लेते हैं, ताकि पकड़े जाने पर वे ड्रग कंसाइनमेंट के सबूत मिटाने के लिए उसे समुद्र में फेंक सकें। एनसीबी की मानें तो डी गैंग के तस्कर भारत की धरती को एक प्लेटफॉर्म की तरह भी इस्तेमाल करते हैं।
यहां से दूसरे देशों में भी ड्रग की सप्लाई की जाती है। इस खुलासे के बाद विभिन्न जांच एजेंसियों के अधिकारी इस बात से चिंतित हैं कि देश में बढ़ते ड्रग्स के विस्तार की चपेट में कई युवा और बच्चे आ रहे हैं और यह संख्या बढ़ती जा रही है। इन ड्रग्स की बिक्री से कमाए पैसों का उपयोग आतंकी हथियारों की खरीद में करते हैं। जांच एजेंसियां इसे देश के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर के रूप में देख रही हैं।
Comment List