
शिंदे सरकार ने महाराष्ट्र के अफसरों को दिया कौन सा ब्रह्मस्त्र जिसपर लाल है विपक्ष...
Which brahmastra has been given by the Shinde government to the officers of Maharashtra, on which the opposition is red...
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ समूचा विपक्ष गुस्से में है। इसका कारण शिंदे सरकार की ओर से नौकरशाहों को अर्ध-न्यायिक शक्तियां देना है। विपक्ष के नेता अजीत पवार, कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट और कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंधे ने सीएम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उनका फैसला अलोकतांत्रिक है।
अजीत पवार, बालासाहेब थोराट, अतुल लोंधे ने सीएम की आलोचना की
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ समूचा विपक्ष गुस्से में है। इसका कारण शिंदे सरकार की ओर से नौकरशाहों को अर्ध-न्यायिक शक्तियां देना है। विपक्ष के नेता अजीत पवार, कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट और कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंधे ने सीएम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उनका फैसला अलोकतांत्रिक है।
वहीं मंत्रियों के अधिकार सचिवों को देने की खबर का शिंदे सरकार ने खंडन किया है। सरकार ने साफ किया है कि अधिकारियों को केवल अर्ध न्यायिक मामलों को निपटाने का अधिकार दिया है। पहले की तरह ही मंत्रियों के सभी अधिकार मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के पास हैं। ऐसे में, सभी निर्णय प्रक्रिया को सचिवों को हाथ में देने की बात पूरी तरह से गलत है।
विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा कि हम इस स्थिति का सामना कर रहे हैं क्योंकि एकनाथ शिंदे सीएम के रूप में शपथ लेने के एक महीने से अधिक समय तक अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने में विफल रहे। नौकरशाहों के बजाय मुझे लगता है कि सभी शक्तियां मुख्य सचिव को सौंपी जानी चाहिए। हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में हैं विधायकों के पास कोई शक्ति नहीं है और न ही कोई कैबिनेट सदस्य हैं। ऐसी परिस्थितियों में, नौकरशाह निर्वाचित प्रतिनिधियों की तुलना में अधिक शक्तिशाली हो गए हैं।
मुख्य सचिव ने जारी किया आदेश
मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में सामान्य प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को नौकरशाहों को अर्ध-न्यायिक शक्तियां प्रदान करने के लिए एक आदेश जारी किया था। रिपोर्टों में कहा गया है कि नौकरशाहों को शक्तियां सौंपी गई हैं ताकि आम आदमी को नुकसान न हो। क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों की ओर से पारित आदेशों के खिलाफ नियमित अपीलों का निपटारा नौकरशाहों द्वारा नहीं किया जा सकता है।
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