Shinde group
<% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<% if(node_description!==false) { %> <%= node_description %>
<% } %> <% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
Read More... शिंदे गुट के प्रत्याशी की करतूत... जीत के लिए काले जादू का सहारा!
Published On
By Online Desk
विधानसभा चुनाव में काले जादू का प्रयोग किया गया। इसका एक जीता जागता है उदाहरण रायगढ़ जिले के महाड विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला है। जहां मतदान प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही मतदान केंद्र के सामने तीन मटके, जिनके मुंह काले और लाल कपड़े से बंधे थे, उस पर काटे हुए नीबू और सिंदूर छिड़का हुआ मिला। सुबह-सुबह जब मतदाता मतदान के लिए निकले तो उसे देखकर अचंभित और भयभीत हो गए। माना जा रहा है कि यह काला जादू किसी प्रत्याशी की ओर से जीत हासिल करने के लिए किया गया है। ठाणे में शिंदे गुट के पूर्व नगरसेवक ने एक व्यक्ति की पिटाई की, मामला चितलसर थाने में दर्ज
Published On
By Online Desk
संजय पांडे पहले बीजेपी में थे. 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट पाकर उन्होंने ओवला मजीवाड़ा सीट से विधायक प्रताप सरनाईक को कड़ी चुनौती दी. इसलिए प्रताप सरनाईक की जीत मामूली अंतर से हुई. इसके बाद वह 2016 में शिवसेना में शामिल हो गए। उनका दल उद्धव ठाकरे के आवास 'मातोश्री' में घुस गया था. वर्तमान में वह पूर्व पार्षद हैं. संजय पांडे फिलहाल शिंदे ग्रुप में हैं. शिंदे गुट से अब संजय निरुपम को बड़ा झटका... मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से उतारा प्रत्याशी
Published On
By Online Desk
शिवसेना उद्धव गुट ने मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट से अमोल कीर्तिकर को मैदान में उतार दिया है जबकि इस सीट से खुद संजय निरुपम चुनाव लड़ना चाहते थे। इसके बाद संजय निरुपम ने अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सवालों के कठघरे में खड़ा किया था। उन्होंने कांग्रेस पर महाविकास अघाड़ी सरकार के समक्ष नतमस्तक होने का आरोप लगाया था। इसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने संजय निरुपम को तत्काल प्रभाव से 6 सालों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। संजय राउत ने किया दावा ... बीजेपी में शामिल होंगे अजित पवार और शिंदे गुट के सांसद-विधायक
Published On
By Online Desk
एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद पिछले साल जून में शिवसेना विभाजित हो गई थी और उन्होंने ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार को गिरा दिया. इस साल 2 जुलाई को अजित पवार और आठ विधायकों के शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी को विभाजन का सामना करना पड़ा था. 