मुंबई: मस्कारा गैलरी में अश्लील चित्रण और कार्टून को लेकर कोलाबा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज
Mumbai: FIR lodged at Colaba police station over obscene illustrations and cartoons at Mascara Gallery
मुंबई के कोलाबा में स्थित मस्कारा गैलरी में अश्लील चित्रण और कार्टून को लेकर मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज हुई है। आरोप है कि इस गैलरी में मानव शरीर का अश्लील चित्रण और इसके अलावा हिंदू धर्म के देवी देवताओं के भी अश्लील कार्टून बनाए गए हैं। इस पूरे मामले में मुंबई पुलिस ने कार्टूनिस्ट टी वैकण्णा और गैलरी के मालिक अभय मस्कारा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
मुंबई: मुंबई के कोलाबा में स्थित मस्कारा गैलरी में अश्लील चित्रण और कार्टून को लेकर मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज हुई है। आरोप है कि इस गैलरी में मानव शरीर का अश्लील चित्रण और इसके अलावा हिंदू धर्म के देवी देवताओं के भी अश्लील कार्टून बनाए गए हैं। इस पूरे मामले में मुंबई पुलिस ने कार्टूनिस्ट टी वैकण्णा और गैलरी के मालिक अभय मस्कारा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बीएनएस की धारा 294, 295, 299 और 3 ( 5 ) के तहत केस दर्ज कर लिया है, और मामले की जांच कर रही है। शिकायतकर्ता के मुताबिक, गैलरी के अंदर भगवान शिव और मां काली के भी अभद्र कार्टून लगाए गए हैं। साथही गैलरी में कहीं भी 18 साल के ऊपर के लोगों के लिए एंट्री या एग्जिट का नोटिफिकेशन भी नहीं रखा गया है। फिलहाल पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।
देश में आई लव मोहम्मद विवाद पहले से चर्चा में
ये विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब देश में पहले ही 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर्स को लेकर तनाव है। यूपी के बरेली में शुक्रवार को ही जुमे की नमाज के बाद 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद गहरा गया और हिंसा भड़क उठी। कानपुर से शुरू हुआ यह विवाद अब अलग-अलग शहरों में फैल गया। पुलिस ने इस मामले में 22 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है और 30 से ज्यादा को हिरासत में लिया है। कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना तौकीर रजा को हाउस अरेस्ट कर दिया गया है और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो सकती है।
लोगों का मानना है कि ये पहली बार नहीं है, जब लोगों की धार्मिक भावनाओं को अश्लील चित्रण करके आहत किया गया हो। पहले भी आर्ट के नाम पर हिंदू देवताओं और मुस्लिम पैगंबरों के खिलाफ अश्लील चित्रण किया जाता रहा है और उन्हें विवादित रूप में दिखाया जाता रहा है। आर्ट के कदरदानों को अब ये बात समझनी होगी कि आर्ट अपनी जगह है लेकिन आर्ट के जरिए किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना किसी भी तरह जायज नहीं है। ऐसे मामलों के सामने आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

