नई दिल्ली: बिहार–तमिलनाडु में डबल दिवाली, लड़कियों और अनाथ बच्चों को मिला लाइफ-सपोर्ट, CM नीतीश-स्टालिन का चुनावी स्ट्रोक

New Delhi: Double Diwali in Bihar-Tamil Nadu, girls and orphans get life-support, election stroke of CM Nitish-Stalin

नई दिल्ली:  बिहार–तमिलनाडु में डबल दिवाली, लड़कियों और अनाथ बच्चों को मिला लाइफ-सपोर्ट, CM नीतीश-स्टालिन का चुनावी स्ट्रोक

बिहार में चुनावी गहमागहमी तेज़ हो चुकी है और इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रेजुएट छात्राओं को 700 करोड़ रुपए का तोहफा देकर सीधा महिला वोट बैंक पर निशाना साधा है. “मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना” के तहत 1.40 लाख से अधिक छात्राओं को 50-50 हजार रुपए सीधे उनके बैंक खाते में भेजे जाएंगे. इस घोषणा के साथ नीतीश कुमार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बिहार की राजनीति में महिला वोटर किसी भी समीकरण को बदल सकती हैं. खासकर तब जब ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक की लड़कियां शिक्षा और आत्मनिर्भरता की राह पकड़ चुकी हैं. ऐसे में यह कदम न सिर्फ शिक्षा को मजबूती देगा बल्कि चुनावी मैदान में “महिला सशक्तिकरण” का बड़ा संदेश भी जाएगा.

नई दिल्ली: बिहार में चुनावी गहमागहमी तेज़ हो चुकी है और इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रेजुएट छात्राओं को 700 करोड़ रुपए का तोहफा देकर सीधा महिला वोट बैंक पर निशाना साधा है. “मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना” के तहत 1.40 लाख से अधिक छात्राओं को 50-50 हजार रुपए सीधे उनके बैंक खाते में भेजे जाएंगे. इस घोषणा के साथ नीतीश कुमार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बिहार की राजनीति में महिला वोटर किसी भी समीकरण को बदल सकती हैं. खासकर तब जब ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक की लड़कियां शिक्षा और आत्मनिर्भरता की राह पकड़ चुकी हैं. ऐसे में यह कदम न सिर्फ शिक्षा को मजबूती देगा बल्कि चुनावी मैदान में “महिला सशक्तिकरण” का बड़ा संदेश भी जाएगा.
 
 
दूसरी ओर दक्षिण तमिलनाडु से भी एक भावनात्मक पहल सामने आई है. मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने “अंबुकरमगल योजना” लॉन्च की है. यह योजना उन बच्चों को सहारा देगी जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया है या जिनके माता-पिता उनकी देखभाल करने में सक्षम नहीं हैं. 2000 रुपए मासिक वजीफे के साथ यह योजना न केवल बच्चों की पढ़ाई को बचाएगी बल्कि कॉलेज शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण भी सुनिश्चित करेगी. यानी बिहार में महिलाओं और तमिलनाडु में बच्चों के लिए नई उम्मीद की दिवाली जग चुकी है. दोनों राज्यों में सरकारों ने चुनावी मौसम के बीच सामाजिक संवेदनाओं को छूने वाला गजब खेल खेला है.
 
नीतीश कुमार का ‘700 करोड़ का मास्टरस्ट्रोक’
बिहार सरकार ने 2025-26 के लिए 700 करोड़ रुपए जारी किए हैं. इससे 1.40 लाख स्नातक छात्राओं को प्रोत्साहन राशि मिलेगी. पोर्टल पर अब तक 4.5 लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं और 14 सितंबर तक आवेदन की आखिरी तारीख तय है. आधार जांच पूरी होते ही छात्राओं के बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर किया जाएगा. 2018 में शुरू हुई इस योजना की राशि 2021 में बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी गई थी. अब तक पौने चार लाख से अधिक छात्राओं को इसका लाभ मिल चुका है. चुनावी पिच पर इसे नीतीश का ‘महिला शक्ति कार्ड’ कहा जा रहा है.
 
स्टालिन का ‘अंबुकरमगल’ भावनात्मक दांव
तमिलनाडु सरकार की “थयुमानवर योजना” के तहत शुरू हुई “अंबुकरमगल योजना” बेहद संवेदनशील है. इसका मकसद है उन बच्चों को सुरक्षा देना जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है, या जिनका पालन-पोषण असंभव स्थिति में है. ऐसे बच्चों को 2,000 रुपए महीने स्कॉलरशिप, कॉलेज शिक्षा और स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी. यह योजना सामाजिक सुरक्षा का मजबूत उदाहरण है. इससे गरीब और अनाथ बच्चों को पढ़ाई बीच में छोड़नी न पड़े.
 
चुनावी मौसम में ‘डबल दिवाली धमाका’
बिहार में महिला वोटरों को साधने की कोशिश और तमिलनाडु में बच्चों को सहारा देने की पहल. दोनों मिलकर देश की राजनीति को नया एंगल देती हैं. नीतीश कुमार जहां “महिला शक्ति” पर फोकस कर रहे हैं, वहीं स्टालिन अपनी सरकार को “लोग-केन्द्रित और संवेदनशील” साबित करने में जुटे हैं. यह डबल दिवाली का संदेश है, जहां एक तरफ सशक्तिकरण की राजनीति है और दूसरी ओर सामाजिक संवेदनशीलता.

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