मुंबई: लालबागचा राजा के दर्शन को भारी भीड़; वीआईपी दर्शन वाले वीडियो वायरल; मानवाधिकार आयोग ने आयोजकों को जारी किया नोटिस
Mumbai: Huge crowd for darshan of Lalbaugcha Raja; VIP darshan videos go viral; Human Rights Commission issues notice to organisers
By: Online Desk
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गणेशोत्सव महाराष्ट्र का सबसे बड़ा पर्व है। मुंबई के परेल में लगने वाले लालबागचा राजा के दर्शन को भारी भीड़ उमड़ी है। गणपति बप्पा के दर्शन और आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी-बड़ी हस्तियां पहुंचती हैं। 92वें आयोजन में भी भारी भीड़ उमड़ रही है लेकिन सोशल मीडिया पर वीआईपी दर्शन वाले वीडियो के वायरल होने और शिकायत मिलने पर मानवाधिकार आयोग ने आयोजकों को नोटिस जारी किया है।
मुंबई: गणेशोत्सव महाराष्ट्र का सबसे बड़ा पर्व है। मुंबई के परेल में लगने वाले लालबागचा राजा के दर्शन को भारी भीड़ उमड़ी है। गणपति बप्पा के दर्शन और आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी-बड़ी हस्तियां पहुंचती हैं। 92वें आयोजन में भी भारी भीड़ उमड़ रही है लेकिन सोशल मीडिया पर वीआईपी दर्शन वाले वीडियो के वायरल होने और शिकायत मिलने पर मानवाधिकार आयोग ने आयोजकों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग की तरफ से वीआईपी दर्शन की शिकायत पर लालबागचा राजा मंडल, मुख्य सचिव, बीएमसी प्रमुख और मुंबई पुलिस आयुक्त को भेजी गई है। महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (एमएसएचआरसी) ने लालबागचा राजा पंडाल में आने वाले वीआईपी लोगों को विशेष सुविधाएं दिए जाने और गैर-वीआईपी श्रद्धालुओं के साथ दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप लगाने वाली एक शिकायत का संज्ञान लिया है। लालबागचा राजा को मन्नतों का राजा कहा जाता है।
आयोग ने नोटिस में क्या कहा?
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (एमएसएचआरसी) ने मंडल के सचिव, महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, बीएमसी आयुक्त और मुंबई पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर मानवाधिकारों के उल्लंघन से बचने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तलाशने को कहा। एमएसएचआरसी ने कहा ने कहा है कि शिकायत में वीआईपी दर्शन के कारण होने वाले भेदभाव और मौलिक अधिकारों के हनन का भी आरोप लगाया गया है। इसलिए शिकायत पर विचार किया जाना चाहिए।। आशीष राय और पंकज कुमार मिश्रा द्वारा दायर शिकायत में आरोप लगाया गया है कि लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के स्वयंसेवकों द्वारा गर्भवती महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों सहित श्रद्धालुओं के साथ दुर्भावनापूर्ण व्यवहार किया गया, जिससे उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ।
पुलिस-प्रशासन ने नहीं लिया कोई एक्शन
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन और पुलिस ने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए उन्होंने एमएसएचआरसी से संपर्क किया। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पंडाल की ओर जाने वाली संकरी गली में भीड़ प्रबंधन असंतोषजनक था और इससे जानलेवा भगदड़ का खतरा हो सकता था। इसमें घंटों कतारों में खड़े श्रद्धालुओं को बुनियादी नागरिक सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान करने की समस्या को भी उजागर किया गया था। एमएसएचआरसी के आदेश में कहा गया है कि लालबागचा राजा मंडल के निजी गार्डों और कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और आम जनता के खिलाफ मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के कई वीडियो हर साल गणेशोत्सव के दौरान सोशल मीडिया पर सामने आते हैं। आयोग ने सोमवार को नोटिस जारी किया है।
आयोग ने सोशल मीडिया वीडियो का दिया हवाला
आयोग ने कहा है कि अनियंत्रित भीड़ एक आम समस्या है। श्रद्धालुओं के बेहोश होने, उनके साथ मारपीट करने और मंडल के स्वयंसेवकों द्वारा उनके कपड़े फाड़ने की घटनाएं सोशल मीडिया पर फैल रही हैं। जिससे सवाल उठता है कि राज्य के अधिकारी अति उत्साही कार्यकर्ताओं और गार्डों की जगह श्रद्धालुओं के मानवाधिकारों का सम्मान करने वाले प्रशिक्षित कर्मचारियों को क्यों नहीं नियुक्त कर रहे हैं। लालबागचा राजा के भक्तों में बॉलीवुड की बड़ी हस्तियों से लेकर देश के बड़े उद्योगपतियों के नाम इस फेहरिस्त में शामिल हैं। लालबागचा राजा के दर्शन को बड़ी राजनैतिक हस्तियां भी पहुंचती हैं, हालांकि आयोजकों ने ऑनलाइन दर्शन का भी विकल्प रखा है लेकिन इसके बाद भी बड़ी संख्या में दर्शन के लिए जाते हैं। केंद्रीय मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी दर्शन करने पहुंच चुके हैं।

