ठाणे-भिवंडी की सड़कें बनीं मौत का जाल... दो दिनों में तीन निर्दोषों की दर्दनाक मौत !
Thane-Bhiwandi roads have become death traps... Three innocent people die a painful death in two days!
जिले की जर्जर सड़कों और बेकाबू भारी वाहनों ने मिलकर लोगों का जीना दूभर कर दिया है। गड्डों और लापरवाह व्यवस्था के कारण बीते दो दिनों में तीन निर्दोष लोगों की जान चली गई। लगातार हो रहे हादसों से नागरिकों में भय और आक्रोश व्याप्त है, जबकि शासन और प्रशासन खामोश बना हुआ है। पहला हादसा 21 अगस्त की रात साढ़े दस बजे भिवंडी के मोठा गांव, डोबिवली उड़ान पुल पर हुआ। कल्याण निवासी विश्वनाथ एकनाथ ठोके अपने मोटरसाइकिल से जा रहे थे। गहरे गड्ढे से बचने के प्रयास में उनका वाहन असंतुलित हुआ और पीछे से आ रहे कार ने उन्हें कुचल दिया। मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
भिवंडी : जिले की जर्जर सड़कों और बेकाबू भारी वाहनों ने मिलकर लोगों का जीना दूभर कर दिया है। गड्डों और लापरवाह व्यवस्था के कारण बीते दो दिनों में तीन निर्दोष लोगों की जान चली गई। लगातार हो रहे हादसों से नागरिकों में भय और आक्रोश व्याप्त है, जबकि शासन और प्रशासन खामोश बना हुआ है। पहला हादसा 21 अगस्त की रात साढ़े दस बजे भिवंडी के मोठा गांव, डोबिवली उड़ान पुल पर हुआ। कल्याण निवासी विश्वनाथ एकनाथ ठोके अपने मोटरसाइकिल से जा रहे थे। गहरे गड्ढे से बचने के प्रयास में उनका वाहन असंतुलित हुआ और पीछे से आ रहे कार ने उन्हें कुचल दिया। मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
दूसरा हादसा मुंबई नासिक हाइवे के पीकासो होटल के सामने हुआ। एक अज्ञात व्यक्ति को तेज रफ्तार से आ रही ट्रक ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी जान चली गई। तीसरा और सबसे ताजा हादसा भिवंडी के वंजारपट्टी नाका सिराज अस्पताल के सामने हुआ। यहां प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. नसीम अंसारी घर लौटते समय सड़क पर बने गड्ढे के कारण हादसे का शिकार हो गए।
पीछे से आए भारी वाहन की टक्कर में उनकी मौत हो गई। डॉक्टर अंसारी की मौत से पूरे क्षेत्र में शोक और गुस्से का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि समय रहते सड़क मरम्मत का काम नहीं होने और भारी वाहनों पर नियंत्रण न होने से ये हादसे हो रहे हैं। नागरिकों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सड़कों की स्थिति में सुधार और जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे।

