मुंबई : गणेश भक्तों का उत्साह चरम पर, मुंबई की बारिश हुई बेअसर
Mumbai: Enthusiasm of Ganesh devotees is at its peak, Mumbai's rain has no effect
गणेश चतुर्थी का पर्व नज़दीक आते ही पूरे शहर में भक्ति और उल्लास का माहौल दिखाई देने लगा है. भारी बारिश के बावजूद, गणपति बप्पा की मूर्तियां परेल कार्यशाला से निकलकर शहर के विभिन्न मंडलों के पंडालों तक पहुंच रही हैं. रविवार को कई गणेश मंडल और भक्तगण अपने-अपने पंडालों के लिए बप्पा की प्रतिमाएं लेकर निकलते दिखाई दिए.
मुंबई : गणेश चतुर्थी का पर्व नज़दीक आते ही पूरे शहर में भक्ति और उल्लास का माहौल दिखाई देने लगा है. भारी बारिश के बावजूद, गणपति बप्पा की मूर्तियां परेल कार्यशाला से निकलकर शहर के विभिन्न मंडलों के पंडालों तक पहुंच रही हैं. रविवार को कई गणेश मंडल और भक्तगण अपने-अपने पंडालों के लिए बप्पा की प्रतिमाएं लेकर निकलते दिखाई दिए.
परेल कार्यशाला, जो मुंबई में गणेश मूर्तियों के निर्माण का प्रमुख केंद्र है, इन दिनों भक्तों से गुलज़ार है. यहां से हर साल हज़ारों मूर्तियां निकलकर मुंबई और उपनगरों के अलग-अलग गणेश मंडलों में जाती हैं. इस बार भी, बारिश की रुकावटों के बावजूद, भक्तों के चेहरों पर उत्साह और आस्था की चमक साफ नजर आई.
बड़े-बड़े ट्रक और हाथगाड़ियां रंग-बिरंगी सजावट से सजी मूर्तियों को लेकर जब परेल से रवाना हुईं, तो भक्तों के जयकारों से पूरा इलाका गूंज उठा—"गणपति बप्पा मोरया, मंगलमुर्ती मोरया!"
तेज बारिश से सड़कों पर जगह-जगह पानी जमा हो गया है, जिससे मूर्तियों को पंडालों तक ले जाने में काफी दिक़्कतें आ रही हैं. बावजूद इसके, न तो मंडलों का उत्साह कम हुआ और न ही श्रद्धालुओं की आस्था डगमगाई. जगह-जगह ढोल-ताशों की थाप और नाचते-गाते गोविंदाओं की टोली ने माहौल को और भी जीवंत बना दिया.
दस दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में लाखों भक्त गणपति बप्पा के दर्शन के लिए पंडालों में उमड़ेंगे. पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कई मंडलों ने इस बार इको-फ्रेंडली मूर्तियां अपनाई हैं, ताकि विसर्जन के समय समुद्र प्रदूषण से बचा जा सके. मुंबई के लिए गणेशोत्सव सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है. बारिश भले ही रुक-रुककर शहर की रफ्तार को धीमा कर रही हो, लेकिन गणपति बप्पा के स्वागत में मुंबईकरों की श्रद्धा और जोश लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

