मुंबई : लोग काम को पहचानते हैं, ‘नाम’ को नहीं - एकनाथ शिंदे

Mumbai: People recognize work, not the 'name' - Eknath Shinde

मुंबई : लोग काम को पहचानते हैं, ‘नाम’ को नहीं - एकनाथ शिंदे

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा कि वर्षों पहले अलग हुए चचेरे भाइयों-उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का एक साथ आना ‘लोकतंत्र के लिए अच्छा’ है, लेकिन इससे यह मजबूत संदेश भी गया है कि जनता उन लोगों का समर्थन करती है, जो उनके कल्याण के लिए काम करते हैं. ‘पीटीआई’ को दिए वीडियो इंटरव्यू में शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने एक समय अपने चचेरे भाई राज को दरकिनार कर दिया था, जो 2005 में नाटकीय ढंग से शिवसेना से बाहर हो गए थे, ऐसे में दोनों का फिर से एक साथ आना विडंबनापूर्ण है.

मुंबई : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा कि वर्षों पहले अलग हुए चचेरे भाइयों-उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का एक साथ आना ‘लोकतंत्र के लिए अच्छा’ है, लेकिन इससे यह मजबूत संदेश भी गया है कि जनता उन लोगों का समर्थन करती है, जो उनके कल्याण के लिए काम करते हैं. ‘पीटीआई’ को दिए वीडियो इंटरव्यू में शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने एक समय अपने चचेरे भाई राज को दरकिनार कर दिया था, जो 2005 में नाटकीय ढंग से शिवसेना से बाहर हो गए थे, ऐसे में दोनों का फिर से एक साथ आना विडंबनापूर्ण है.

 

Read More मुंबई : विभागों के आवंटन को लेकर कुछ नेताओं में नाराजगी 

उन्होंने कहा, “यह कहना गलत होगा कि ठाकरे भाई अलग हो गए थे. राज को शिवसेना से निकाल दिया गया था. जिन लोगों ने उनके (राज के) प्रभाव पर सवाल उठाए थे, वही लोग अब फिर से हाथ मिलाने की सोच रहे हैं. यह अच्छी बात है. चुनावी लोकतंत्र में कोई भी किसी से भी हाथ मिला सकता है.” शिंदे ने कहा कि कोई भी कहीं भी जा सकता है, यह उनकी निजी पसंद है, लेकिन जनता उन लोगों का समर्थन करती है, जो उनके लिए काम करते हैं और उनके कल्याण के बारे में सोचते हैं.

Read More मुंबई महानगरपालिका का चुनाव अकेले लड़ सकती है शिवसेना यूबीटी 

उन्होंने उद्धव की तरफ इशारा करते हुए कहा, “लोग काम को पहचानते हैं, ‘नाम’ को नहीं. लोगों ने पहचान लिया है कि कौन उनके लिए काम करता है और कौन घर पर बैठता है. लोग उन लोगों को घर पर बैठा देते हैं, जिन्हें घर पर बैठना पसंद है.” शिंदे ने लगभग तीन साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (अविभाजित), कांग्रेस और राकांपा (अविभाजित) की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार से यह कहते हुए बगावत कर दी थी कि उद्धव ने शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व सिद्धांत को त्याग दिया है.

Read More महाराष्ट्र में मंत्रिपरिषद के विभागों का आवंटन; सीएम फडणवीस के पास रहेगा गृह विभाग

उन्होंने जून 2022 में शिवसेना (अविभाजित) के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के साथ पार्टी छोड़ दी थी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोग से मुख्यमंत्री बने थे. बाद में निर्वाचन आयोग ने उनके नेतृत्व वाले गुट को ‘असली’ शिवसेना का दर्जा दे दिया था. ठाकरे बंधुओं ने पिछले महीने मुंबई में एक ‘विजय रैली’ के लिए मंच साझा किया था, जब महाराष्ट्र सरकार ने अपनी विवादास्पद त्रिभाषा नीति को वापस ले लिया था, जिसके तहत प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी सीखना अनिवार्य कर दिया गया था.

Read More पालघर में छात्र ने की आत्महत्या, शिक्षकों और साथियों पर उत्पीड़न के आरोप

Sabri Human Welfare Foundation Ngo

Latest News

मुंबई : फर्जी भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर वैज्ञानिक मामले में 689 पन्नों की चार्जशीट दाखिल  मुंबई : फर्जी भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर वैज्ञानिक मामले में 689 पन्नों की चार्जशीट दाखिल 
मुंबई : स्टाफ और इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बावजूद अस्पताल मरीज़ों को दूसरी जगह भेज रहे हैं
विरार : बिल्डर समय चौहान की हत्या के मामले में गैंगस्टर सुभाष सिंह ठाकुर को क्राइम ब्रांच ने लिया हिरासत में 
मुंबई : पूर्व शिवसेना पार्षद तेजस्वी घोसालकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल
ठाणे : एक्साइज विभाग  ने 1.82 करोड़ की अवैध रूप से लाई जा रही शराब की एक बड़ी खेप ज़ब्त की
मुंबई : आदित्य ठाकरे ने महायुति सरकार पर बृहन्मुंबई नगर निगम चुनावों से पहले वोटरों को खुश करने के लिए गुमराह करने वाली घोषणाएं करने का आरोप लगाया