मुंबई में ठाकरे ब्रांड खत्म नहीं होगा - प्रताप सरनाईक

Thackeray brand will not end in Mumbai - Pratap Sarnaik

मुंबई में ठाकरे ब्रांड खत्म नहीं होगा - प्रताप सरनाईक

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले जहां एक तरफ भाषा विवाद छाया हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक मंच पर आने के बाद चर्चा छिड़ी है कि दोनों भाई चुनावी राजनीतिक में हाथ मिलाएंगे। ऐसा होने पर महाराष्ट्र में समीकरण गड़बड़ाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस सब के बीच महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के नेता प्रताप सरनाईक का एक बयान सुर्खियों में आ गया है।

मुंबई: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले जहां एक तरफ भाषा विवाद छाया हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक मंच पर आने के बाद चर्चा छिड़ी है कि दोनों भाई चुनावी राजनीतिक में हाथ मिलाएंगे। ऐसा होने पर महाराष्ट्र में समीकरण गड़बड़ाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस सब के बीच महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के नेता प्रताप सरनाईक का एक बयान सुर्खियों में आ गया है। उन्होंने धाराशिव (उस्मानाबाद) के दौरे पर कहा कि मुंबई में ठाकरे ब्रांड खत्म नहीं होगा। सरनाईक धाराशिव जिले के संरक्षक मंत्री हैं।

 

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सरनाईक का चौंकाने वाला बयान
धाराशिव जिले में सरनाईक ने कहा कि ठाकरे का मतलब केवल शिवसेना (ठाकरे गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे नहीं हैं, बल्कि इसमें मनसे प्रमुख राज ठाकरे और पूरा ठाकरे परिवार शामिल है। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक रविवार को पौधारोपण अभियान के सिलसिले में धाराशिव पहुंचे थे। उन्होंने वहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ठाकरे ब्रांड अब भी कायम है। सरनाईक का बयान ऐसे वक्त पर आया है जब पूरे महाराष्ट्र में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे चर्चा का विषय बने हुए हैं।

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छिन गई थी पार्टी-सिंबल
जब उपमुख्यमंत्री शिंदे के साथ शिवसेना से एक बड़ा गुट अलग हुआ, तब से ही यह चर्चा शुरू हो गई थी कि ठाकरे ब्रांड खत्म हो गया है। शिंदे को ही शिवसेना का नाम और धनुष-बाण का चुनाव चिह्न मिल गया. इसके कारण उद्धव ठाकरे के गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) नाम से पार्टी बनानी पड़ी थी। बाद में चुनाव आयोग ने पार्टी को मशाल चुनाव चिन्ह आवंटित किया था। शिवसेना के चुनाव धनुष और बाण को लेकर उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट में हैं। वे चाहते हैं कि शिंदे गुट को सिंबल का इस्तेमाल करने से रोक जाए।

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