मुंबई : स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में मुंबई की राष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार; मुंबई 33वें स्थान पर
Mumbai: Mumbai's national ranking improves in Swachh Survekshan 2024; Mumbai ranks 33rd

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के अंतर्गत आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में मुंबई की राष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार हुआ है। इस बार मुंबई को देशभर में 33वां स्थान प्राप्त हुआ है। यह रैंकिंग नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में घोषित की गई। पिछले वर्ष मुंबई की रैंकिंग 37 थी। यह रैंकिंग शहरों की जनसंख्या के आधार पर दी जाती है। स्वच्छ सर्वेक्षण के वार्षिक पुरस्कारों की शुरुआत 2016 में की गई थी।
मुंबई : स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के अंतर्गत आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में मुंबई की राष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार हुआ है। इस बार मुंबई को देशभर में 33वां स्थान प्राप्त हुआ है। यह रैंकिंग नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में घोषित की गई। पिछले वर्ष मुंबई की रैंकिंग 37 थी। यह रैंकिंग शहरों की जनसंख्या के आधार पर दी जाती है। स्वच्छ सर्वेक्षण के वार्षिक पुरस्कारों की शुरुआत 2016 में की गई थी।
उल्लेखनीय है कि मुंबई जिसे अंतर्राष्ट्रीय शहर का दर्जा दिया जाता है। इस मुंबई को स्वच्छता में शीर्ष 10 स्थान पाने के लिए लंबा रास्ता तय करना होगा। खास बात यह है कि 'कचरा मुक्त शहर' की श्रेणी में मुंबई को इस बार शून्य अंक मिले हैं जो चिंताजनक है। देश की सबसे संपन्न महानगरपालिका मानी जाने वाली मुंबई को अभी तक स्वच्छता रैंकिंग में कभी भी पहले दस शहरों में स्थान नहीं मिल पाया है।, बीते कुछ वर्षों में इसमें थोड़ी-बहुत प्रगति देखी गई है। यह रैंक नागरिकों के फीडबैक और प्रत्यक्ष निरीक्षण पर आधारित होती है।
मुंबई की अंतर्राष्ट्रीय शहर के रूप में पहचान
अंतरराष्ट्रीय शहर के रूप में पहचान रखने वाली मुंबई को इस बार भी स्वच्छता के मापदंडों में अपेक्षित अंक नहीं मिले है। घर-घर कचरा संग्रहण और कचरे के पृथक्करण में भी अंक कम मिले हैं। मुंबई का अधिकांश कचरा देवनार और कांजूरमार्ग की कचरा भूमियों पर डाला जाता है। पुराने कचरे के निपटान में असफलता, डंपिंग ग्राउंड को बंद करने में देरी, और कचरे की वैज्ञानिक पद्धति से प्रक्रिया न करना इन सबके कारण मुंबई की रैंकिंग गिरी है। कचरा शुल्क वसूलने में असफलता, दूषित पानी का समुद्र में सीधे प्रवाह जैसी खामियों ने भी अंक घटाए हैं।
नपा कचरा निपटान पर खर्च कर रही 6064 करोड़: मनपा कचरे का निपटान करने पर 6064 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है, जो किसी छोटे शहर के संपूर्ण बजट के बराबर है। मुंबई महानगरपालिका रोजाना औसतन 6100 मीट्रिक टन कचरे का निपटान करती है। मुंबई का कुल क्षेत्रफल लगभग 475 वर्ग किलोमीटर है और यहां डेढ़ करोड़ से अधिक की आबादी निवास करती है। इसके अलावा लाखों लोग रोज़गार और व्यापार के लिए आसपास के शहरों से मुंबई में आते-जाते हैं, जिससे कचरा प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बनती है।