मुंबई: शहर के मेट्रो और मोनोरेल स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी बदलने की सुविधा
Mumbai: Battery replacement facility for electric vehicles at city's metro and monorail stations
पर्यावरण दिवस से पहले मुंबई को एक नई सुविधा मिलने जा रही है. महा मुंबई मेट्रो ऑपरेशन्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने बैटरी स्वैप टेक्नोलॉजी से जुड़ी एक निजी कंपनी के साथ करार किया है. इसके तहत अब शहर के मेट्रो और मोनोरेल स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी बदलने की सुविधा उपलब्ध होगी. इस योजना में 25 मेट्रो और 6 मोनोरेल स्टेशनों को शामिल किया गया है. ये स्वैप स्टेशन खासकर इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए उपयोगी होंगे.
मुंबई: पर्यावरण दिवस से पहले मुंबई को एक नई सुविधा मिलने जा रही है. महा मुंबई मेट्रो ऑपरेशन्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने बैटरी स्वैप टेक्नोलॉजी से जुड़ी एक निजी कंपनी के साथ करार किया है. इसके तहत अब शहर के मेट्रो और मोनोरेल स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी बदलने की सुविधा उपलब्ध होगी. इस योजना में 25 मेट्रो और 6 मोनोरेल स्टेशनों को शामिल किया गया है. ये स्वैप स्टेशन खासकर इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए उपयोगी होंगे. इससे वाहन चालक केवल दो मिनट में डिस्चार्ज बैटरी को पूरी चार्ज बैटरी से बदल सकेंगे, जिससे समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी.
किन स्टेशनों पर मिलेगी सुविधा?
मेट्रो लाइन 2A (यलो लाइन) - दहिसर ईस्ट से अंधेरी वेस्ट तक 14 स्टेशन मेट्रो लाइन 7 (रेड लाइन) - गुंडवली से राष्ट्रीय उद्यान तक 11 स्टेशन मोनोरेल लाइन - चेंबूर से संत गाडगे महाराज चौक तक 6 स्टेशन
पहला स्वैप स्टेशन दहिसर ईस्ट मेट्रो स्टेशन पर शुरू हो चुका हैय जल्द ही बाकी 30 स्टेशनों पर भी काम पूरा होने की उम्मीद है. महा मुंबई मेट्रो ऑपरेशन्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के मुताबिक, इस पहल से न केवल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि संस्था को करीब ₹30 लाख का अतिरिक्त गैर-किराया राजस्व भी मिलेगा. महा मुंबई मेट्रो ऑपरेशन्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड की प्रबंध निदेशक रूबल अग्रवाल ने बताया कि इस तरह की हरित तकनीक को सार्वजनिक परिवहन से जोड़ने का प्रयास शहर को प्रदूषण मुक्त और ईवी-फ्रेंडली बनाने में मदद करेगा.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम मुंबई के स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है. बैटरी स्वैपिंग मॉडल लंबा चार्जिंग समय और रेंज की चिंता जैसी समस्याओं को दूर करता है. इसके जरिए खासकर डिलिवरी पार्टनर, ऑटो ड्राइवर और आम नागरिकों को इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने में काफी सहूलियत होगी.

