ठाणे : गवाही में विसंगतियों का हवाला; दुष्कर्म और मानव तस्करी के एक मामले में तीन आरोपी बरी
Thane: Citing discrepancies in testimony, three accused acquitted in a rape and human trafficking case

महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने दुष्कर्म और मानव तस्करी के एक मामले में तीन आरोपियों को पीड़िता की गवाही में विसंगतियों का हवाला देते हुए बरी कर दिया। आरोपियों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत भी मुकदमा दर्ज था। विशेष न्यायाधीश डीएस देशमुख ने राधिका उर्फ मुस्कान विनोद जाधव, संजीव उर्फ बंटी ध्रुव वर्मा और फरार मुख्य आरोपी प्रवीण ओमप्रकाश मिश्रा को अपहरण, दुष्कर्म और मानव तस्करी के आरोपों से बरी कर दिया।
ठाणे : महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने दुष्कर्म और मानव तस्करी के एक मामले में तीन आरोपियों को पीड़िता की गवाही में विसंगतियों का हवाला देते हुए बरी कर दिया। आरोपियों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत भी मुकदमा दर्ज था। विशेष न्यायाधीश डीएस देशमुख ने राधिका उर्फ मुस्कान विनोद जाधव, संजीव उर्फ बंटी ध्रुव वर्मा और फरार मुख्य आरोपी प्रवीण ओमप्रकाश मिश्रा को अपहरण, दुष्कर्म और मानव तस्करी के आरोपों से बरी कर दिया। अदालत के नौ मई के आदेश की एक प्रति शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई।
तीनों आरोपियों के खिलाफ 2015 में भारतीय दंड संहिता, पॉक्सो अधिनियम और अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार मिश्रा ने अगस्त 2015 में एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न किया था और बाद में उसे जाधव के पास छोड़ दिया, जिसने कथित तौर पर पीड़िता को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया और इस अपराध में वर्मा शामिल था।
न्यायाधीश देशमुख ने पीड़िता की उम्र के बारे में एक महत्वपूर्ण विसंगति पर गौर किया और कहा कि घटना के समय वह नाबालिग नहीं थी। पीड़िता की गवाही सीधे तौर पर अभियोजन पक्ष के दावों का खंडन करती है। न्यायाधीश ने पाया कि पीड़िता की गवाही से संकेत मिलता है कि वह फरार आरोपी प्रवीण मिश्रा के साथ गई थी और उससे शादी कर ली थी।
अदालत ने कहा कि मिश्रा के साथ संबंध बनाने के बाद पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया था और उसने वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किए जाने से इनकार किया। पीड़िता के पिता भी अभियोजन पक्ष के मुख्य आरोपों को साबित नहीं कर पाए। पिता ने कहा कि उनकी बेटी उस समय 18 वर्ष से अधिक की थी और उन्होंने किसी प्रकार के प्रलोभन या जबरन वेश्यावृत्ति के दावों की पुष्टि नहीं की।