मुंबई : जबरन वसूली के एक मामले में व्यवसायी बरी
Mumbai: Businessman acquitted in extortion case
मुंबई की एक अदालत ने जबरन वसूली के एक मामले में पुलिस द्वारा दर्ज किए गए गवाहों के बयान ‘अस्पष्ट व सुनी-सुनाई बातों पर आधारित’ और खोखले सबूतों का हवाला देते हुए व्यवसायी रियाज भाटी को बरी कर दिया है। महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के विशेष न्यायाधीश चकोर बाविस्कर ने पिछले महीने भाटी को राहत दी थी।
मुंबई : मुंबई की एक अदालत ने जबरन वसूली के एक मामले में पुलिस द्वारा दर्ज किए गए गवाहों के बयान ‘अस्पष्ट व सुनी-सुनाई बातों पर आधारित’ और खोखले सबूतों का हवाला देते हुए व्यवसायी रियाज भाटी को बरी कर दिया है। महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के विशेष न्यायाधीश चकोर बाविस्कर ने पिछले महीने भाटी को राहत दी थी।
भाटी पर अतीत में दाऊद इब्राहिम गिरोह से संबंध रखने का आरोप था। विस्तृत आदेश मंगलवार को उपलब्ध हुआ। एक व्यवसायी ने 2022 में शहर के वर्सोवा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि भाटी और भगोड़े गैंगस्टर छोटा शकील के बहनोई सलीम कुरैशी उर्फ सलीम फ्रूट ने भाटी की जन्मदिन पार्टी के दौरान उससे पैसे वसूलने की कोशिश की थी।
शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि दोनों लोगों ने उसे 30 लाख रुपये की कीमत की कार और 7.5 लाख रुपये नकद देने के लिए मजबूर किया था। भाटी ने मामले में बरी करने का अनुरोध करते हुए एक अर्जी दायर की थी, जिसमें दलील दी गयी थी कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है और उन्हें मामले में झूठे तरीके से फंसाया गया है।
अदालत ने कहा कि यह स्वीकार करना मुश्किल है कि आरोपी ‘पार्टी का आनंद लेने के बावजूद, शिकायतकर्ता से जबरन वसूली करने की आपराधिक साजिश रचने के गंभीर काम में लिप्त होगा। अदालत ने कहा कि परिस्थितियां इस आरोप के बारे में विश्वास पैदा करने वाली नहीं लगती हैं कि कोई आपराधिक साजिश थी।
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