नांदेड़ : डिप्टी सीएम अजित पवार ने शहीद को दी श्रद्धांजलि
Nanded: Deputy CM Ajit Pawar paid tribute to the martyr

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में शहीद हुए नांदेड़ जिले के जवान सचिन वनंजे को आखिरी विदाई दे दी गई. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने शहीद जवान सचिन वनंजे को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देते हुए कहा कि उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा. सचिन 6 मई को ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे.
नांदेड़ : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में शहीद हुए नांदेड़ जिले के जवान सचिन वनंजे को आखिरी विदाई दे दी गई. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने शहीद जवान सचिन वनंजे को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देते हुए कहा कि उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा. सचिन 6 मई को ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''नांदेड़ जिले के देगलुर तालुका के तामलूर गांव के सपूत जवान सचिन वनंजे कश्मीर में अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद हो गए. मैं सचिन जी की कर्तव्य परायणता को सलाम करता हूं और उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.''
सचिन के बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा- अजित पवार
उन्होंने आगे लिखा, ''उनकी आत्मा को शांति मिले, यही मेरी प्रार्थना है. हम सभी वनंजे परिवार और तामलूर गांव वालों के दुख में शामिल हैं. महाराष्ट्र और देश सचिन जी के बलिदान और उनके परिवार के बलिदान को हमेशा याद रखेगा.''
6 मई को ड्यूटी के दौरान शहीद हुए सचिन
जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में 6 मई को ड्यूटी के दौरान भारतीय सेना का वाहन गहरी खाई में गिर गया था. इस हादसे में जवान सचिन वनंजे शहीद हो गए. सचिन के पार्थिव शरीर को गुरुवार देर रात को देगलूर लाया गया था. जैसे ही उनका पार्थिव शरीर घर पर पहुंचा, वहां पर मातम छा गया. पूरे परिवार के लोगों के साथ ही पूरे देगलूर में शोक का माहौल बन गया. पत्नी, मां-पिता और भाई का रो-रोकर बुरा हाल था.
2022 में हुई थी सचिन वनंजे की शादी
सचिन की पत्नी ने अपनी 8 महीने की बेटी को गोद में लेकर अपने शहीद पति को मुखाग्नि दी. ये बेहद ही भावुक क्षण था. इस वक्त हर किसी की आंखें नम हो गईं. सचिन वनंजे की शादी 2022 में हुई थी. वो मूल रूप से तमलूर गांव के निवासी थे और अभी देगलूर के फुलेनगर में रह रहे थे. सचिन साल 2017 में सेना में भर्ती हुए थे. उनकी पहली पोस्टिंग सियाचिन में की गई थी. बाद में पंजाब के जालंधर में भी उन्होंने अपनी सेवा दी थी और पिछले करीब डेढ़ साल से उनकी तैनाती श्रीनगर में थी.