मुंबई: कॉलर ने किया दावा... अंधेरी ईस्ट के अपार्टमेंट में बम से भरा बैग पड़ा हुआ है, फेक कॉल
Mumbai: Caller claims... there is a bag full of bombs lying in an apartment in Andheri East, fake call
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मुंबई में फेक कॉल की यह कोई पहली घटना नहीं है. साल 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद से पुलिस किसी भी धमकी को हल्के में नहीं लेती. इससे पहले भी कई बार बम की झूठी सूचनाएं मिल चुकी हैं, जिनमें से कुछ मानसिक रोगियों द्वारा और कुछ नाबालिगों द्वारा की गई थीं. मुंबई जैसे महानगर में जहां सुरक्षा हर वक्त सतर्कता की मांग करती है, इस तरह की घटनाएं पुलिस के समय और संसाधनों पर अनावश्यक दबाव बनाती हैं. हालांकि, मुंबई पुलिस ने इस बार भी पूरी गंभीरता और प्रोफेशनलिज्म के साथ स्थिति को संभाला और यह सुनिश्चित किया कि कोई अफवाह शहर की शांति को भंग न कर सके.
मुंबई: पुलिस को धमकी भरा कॉल आया. कॉलर ने दावा किया कि अंधेरी ईस्ट के एक रिहायशी अपार्टमेंट में बम से भरा बैग पड़ा हुआ है. उसे जल्दी वहां से उठा लो, कहीं और ले जाओ. इसके बाद कॉलर ने अचानक कॉल काट दिया. मुंबई पुलिस इस कॉल के बाद अचानक हरकत में आ गई. पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. इस कॉल ने कुछ देर के लिए शहर के सुरक्षाबलों को सतर्क मोड में डाल दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए कंट्रोल रूम से तुरंत सहार पुलिस स्टेशन को सूचना दी गई.
मुंबई की सहार पुलिस की टीम तुरंत बताए गए स्थान पर पहुंची और इलाके की गहन तलाशी ली, लेकिन उन्हें वहां कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली. तलाशी अभियान के बाद यह स्पष्ट हो गया कि कॉल झूठा था, लेकिन इससे पहले यह एक संभावित सुरक्षा खतरे के तौर पर देखा जा रहा था.
सहार पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने कॉलर को ट्रेस किया. इस क्रम में पुलिस ने एक 19 वर्षीय युवक को हिरासत में लिया. पूछताछ के दौरान सामने आया कि युवक ऑटिस्टिक से पीड़ित है. वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है. उसके पिता ने पुलिस को यह जानकारी दी. बेटे की मानसिक स्थिति से जुड़े मेडिकल दस्तावेज भी प्रस्तुत किए.
इसके बाद सहार पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए युवक के परिवार को चेतावनी देते हुए मामले को रफा-दफा कर दिया. साथ ही ये भी कहा कि इस बार मामला दर्ज नहीं कर रहा हूं. फिर कभी ऐसी घटना हुई तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी. मुंबई पुलिस ने बताया कि इस तरह की कॉल चाहे गंभीर इरादे से की जाए या मजाक में, इनका असर सुरक्षा व्यवस्था पर पड़ता है और बेवजह संसाधनों की बर्बादी होती है. इस मामले में कॉलर मानसिक रूप से अस्वस्थ था, लेकिन इस तरह के कॉल पुलिस की परेशानी को बढ़ाने वाले होते हैं.
बता दें कि मुंबई में फेक कॉल की यह कोई पहली घटना नहीं है. साल 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद से पुलिस किसी भी धमकी को हल्के में नहीं लेती. इससे पहले भी कई बार बम की झूठी सूचनाएं मिल चुकी हैं, जिनमें से कुछ मानसिक रोगियों द्वारा और कुछ नाबालिगों द्वारा की गई थीं.
मुंबई जैसे महानगर में जहां सुरक्षा हर वक्त सतर्कता की मांग करती है, इस तरह की घटनाएं पुलिस के समय और संसाधनों पर अनावश्यक दबाव बनाती हैं. हालांकि, मुंबई पुलिस ने इस बार भी पूरी गंभीरता और प्रोफेशनलिज्म के साथ स्थिति को संभाला और यह सुनिश्चित किया कि कोई अफवाह शहर की शांति को भंग न कर सके.