दिल्ली : तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण से पहले पटियाला हाउस कोर्ट में मौजूद राष्ट्रीय जांच एजेंसी कोर्ट ने मुंबई ट्रायल कोर्ट से केस रिकॉर्ड मंगाने का आदेश दिया
Delhi: Before the extradition of Tahawwur Hussain Rana, the National Investigation Agency court present in Patiala House Court ordered to call for the case record from the Mumbai trial court
26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण से पहले पटियाला हाउस कोर्ट में मौजूद राष्ट्रीय जांच एजेंसी कोर्ट ने मुंबई ट्रायल कोर्ट से केस रिकॉर्ड मंगाने का आदेश दिया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अदालत में अर्जी दायर कर मुंबई की निचली अदालत से केस से जुड़े सभी दस्तावेज दिल्ली भेजने की मांग की थी. पहले ये रिकॉर्ड मुंबई भेजे गए थे, लेकिन अब संभावना है कि तहव्वुर राणा पर मुकदमा दिल्ली में ही चल सकता है.
दिल्ली : 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण से पहले पटियाला हाउस कोर्ट में मौजूद राष्ट्रीय जांच एजेंसी कोर्ट ने मुंबई ट्रायल कोर्ट से केस रिकॉर्ड मंगाने का आदेश दिया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अदालत में अर्जी दायर कर मुंबई की निचली अदालत से केस से जुड़े सभी दस्तावेज दिल्ली भेजने की मांग की थी. पहले ये रिकॉर्ड मुंबई भेजे गए थे, लेकिन अब संभावना है कि तहव्वुर राणा पर मुकदमा दिल्ली में ही चल सकता है.
दिल्ली की जिला न्यायाधीश विमल कुमार यादव ने 28 जनवरी को मुंबई अदालत के अधिकारियों को रिकॉर्ड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी की याचिका में इस बात का उल्लेख था कि 26/11 हमले से जुड़े कई मामले दिल्ली और मुंबई दोनों जगह दर्ज किए गए थे, इसलिए ट्रायल कोर्ट का रिकॉर्ड पहले मुंबई भेजा गया था. अब तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को देखते हुए दिल्ली में मुकदमा चलने की संभावना बढ़ गई है.
अमेरिकी कोर्ट ने दी भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी
अमेरिका की एक अदालत पहले ही फैसला सुना चुकी है कि पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है. वह 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों की ओर से किए गए 26/11 मुंबई हमले में वांछित है. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी. उन्होंने कहा कि उसे भारत में न्याय का सामना करना पड़ेगा. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले महीने उसकी कन्विक्शन के खिलाफ दायर समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी, जिससे प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया.
26/11 मुंबई हमला: भारत का सबसे भयावह आतंकी हमला
26/11 मुंबई हमला भारत के इतिहास में सबसे खतरनाक आतंकवादी हमलों में से एक था. यह हमला करीब 60 घंटे तक चला, जिसमें 166 निर्दोष लोगों की मौत हुई और सैकड़ों घायल हुए. हमले में शामिल 10 आतंकियों में से 9 को सुरक्षा बलों ने मार गिराया, जबकि अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा गया. बाद में उसे 2012 में फांसी दी गई. हालांकि, इस हमले के पीछे सिर्फ 10 आतंकी ही नहीं थे, बल्कि पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआई के साजिशकर्ता भी शामिल थे, जो अब भी पाकिस्तान में सुरक्षित हैं. अब, तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के बाद, भारत को इस हमले के मास्टरमाइंड पर कानूनी कार्रवाई करने का मौका मिलेगा.

