नई दिल्ली : भाजपा के सिर कांटों का ताज है दिल्ली की सत्ता, आसान नहीं होगा इन अपेक्षाओं पर खरा उतरना
New Delhi: Delhi's power is a crown of thorns on BJP's head, it will not be easy to live up to these expectations
भाजपा ने एक इतिहास रचते हुए दिल्ली की सत्ता हासिल कर ली है। चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद अब सरकार बनाने की चर्चा चल रही है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व महिला, बनिया, जाट, पंजाबी, दलित और पूर्वांचली जैसे तमाम समीकरणों पर विचार करते हुए मुख्यमंत्री के चयन में जुटा हुआ है। चर्चा यह भी है कि दिल्ली में भी उपमुख्यमंत्री वाला दांव खेलते हुए पार्टी एक साथ कई समीकरणों को साधने की कोशिश कर सकती है। ऐसे में इस बार दिल्ली में भाजपा की सरकार कई मायनों में विशेष होगी और इससे राष्ट्रीय स्तर पर संदेश जाएंगे।
नई दिल्ली : भाजपा ने एक इतिहास रचते हुए दिल्ली की सत्ता हासिल कर ली है। चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद अब सरकार बनाने की चर्चा चल रही है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व महिला, बनिया, जाट, पंजाबी, दलित और पूर्वांचली जैसे तमाम समीकरणों पर विचार करते हुए मुख्यमंत्री के चयन में जुटा हुआ है। चर्चा यह भी है कि दिल्ली में भी उपमुख्यमंत्री वाला दांव खेलते हुए पार्टी एक साथ कई समीकरणों को साधने की कोशिश कर सकती है। ऐसे में इस बार दिल्ली में भाजपा की सरकार कई मायनों में विशेष होगी और इससे राष्ट्रीय स्तर पर संदेश जाएंगे। लेकिन दिल्ली की सत्ता भाजपा के लिए आसान नहीं रहने वाली है। इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि उसे दिल्ली वालों की उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा जिनका वादा करके भाजपा ने केजरीवाल को सत्ता से हटाया है।
यमुना की सफाई- सबसे बड़ा चैलेंज
भाजपा की राह में सबसे बड़ी चुनौती यमुना की सफाई की होगी। दिल्ली विजय के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह बार-बार यमुना मैया की जय बोला है, उससे यह सबके ध्यान में आ गया है कि यमुना की सफाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी प्राथमिकता रहने वाली है। लेकिन उन्होंने अपने संबोधन में ही यह इशारा भी कर दिया है कि इस काम में समय लगने वाला है। इसका बड़ा कारण यही है कि इसके लिए यमुना के किनारे बसे सभी बड़े शहरों में एसटीपी प्लांट्स स्थापित करने होंगे। यमुना में गिरने वाले सभी सीवर लाइन और नालों का एक निकास बनाना पड़ेगा और इसमें काफी समय और धन खर्च होने वाला है। इसके लिए काफी संसाधनों की भी आवश्यकता होगी जिसमें समय लगना तय है, लेकिन अरविंद केजरीवाल की तैयारी देखकर कहा जा सकता है कि विपक्ष इसके लिए भाजपा पर तुरंत हमलावर रहेगा। ऐसे में यह काम भाजपा के लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाला है।
महिलाओं को 2500 रुपये देने की घोषणा
वित्त वर्ष 2024-25 में दिल्ली सरकार का संशोधित बजट 77,700 करोड़ रुपये का है। जबकि महिला योजना, वृद्ध-विधवा-विकलांग पेंशन और कुछ अन्य कल्याणकारी योजनाओं के रूप में ही दिल्ली सरकार को 25 हजार करोड़ रुपये से कुछ अधिक का खर्च आने का अनुमान है। ऐसे में सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन और विकास कार्यों के लिए सरकार के पास काफी कम पैसा बचने वाला है। जबकि इसी बीच दिल्ली सरकार को मेट्रो के अगले चरण के विकास के लिए विशेष रूप से धन आवंटित करने होंगे। ऐसे में सरकार की राह आसान नहीं होने वाली है।
प्रदूषण के मोर्चे पर सबसे कठिन चुनौती
भाजपा सरकार की सबसे तगड़ी परीक्षा प्रदूषण के मोर्चे पर होने वाली है। यह ऐसा विषय होगा जिसका समाधान खोजना किसी भी सरकार के लिए आसान नहीं होगा। दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं है। सरकार चाहकर भी वाहनों की संख्या कम नहीं कर सकती। इससे विकास प्रभावित होने के साथ-साथ लोगों की नाराजगी का भी खतरा है। मेट्रो का बहुत अच्छी तरह विस्तार भी एक सीमित मात्रा में ही प्रदूषण को कम करने में कारगर होगा। बसों को पूरी तरह इलेक्ट्रिक करने के बाद भी निजी वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाना आसान नहीं रहने वाला है।
दूसरे राज्यों में जलाई जाने वाली पराली पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार को किसानों को बेहतर विकल्प या मुआवजा पेश करना होगा। यह काम बहुत मुश्किल नहीं होगा, लेकिन यह आसान भी नहीं रहने वाला है। इसके लिए एक साथ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी मात्रा में निवेश झोंकना होगा। यह कार्य सबके समन्वय से ही हो पाएगा।
झुग्गी-झोपड़ियों का विकास
दिल्ली भाजपा के एक शीर्ष नेता ने अमर उजाला को बताया कि सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता महिलाओं के लिए 2500 रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा करनी होगी। इसके साथ-साथ ही आयुष्मान योजना लागू करने की भी घोषणा कर दी जाएगी। पिछली सरकार में जो फ्लैट बने पड़े हैं, इस समय उनकी हालत जर्जर हो चुकी है। इस हालत में वे किसी को नहीं दिए जा सकते। उनका पुनर्निर्माण कराना और गरीब झुग्गीवालों को उन्हें सौंपना सरकार की बड़ी प्राथमिकताओं में रहेगा। नेता ने कहा कि, पार्टी अभी से समझ रही है कि यह काम आसान नहीं रहने वाला है, लेकिन भाजपा ये सभी काम करने के लिए कृतसंकल्प है।
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