मुंबई : पिछले 5 वर्ष में कैंसर के मामलों में 2% का इजाफा
Mumbai: 2% increase in cancer cases in last 5 years
By: Online Desk
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बच्चों के कैंसर उपचार के लिए मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल अस्पताल (टीएमएच) और खारघर स्थित एडवांस सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च ऐंड एजुकेशन इन कैंसर में पिछले 5 वर्ष में कैंसर के मामलों में 2% का इजाफा हुआ है। मुंबई, बनारस, गुवाहाटी, विशाखापट्टनम, संगरूर, मुजफ्फरपुर इन सभी केंद्रों में 2019 में 2981 बच्चे इलाज के लिए रजिस्टर हुए थे। वहीं 2024 में 3874 बच्चों का रजिस्ट्रेशन किया गया था। यानी 5 वर्ष में रजिस्ट्रेशन में 30% का इजाफा हुआ है।
मुंबई : बच्चों के कैंसर उपचार के लिए मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल अस्पताल (टीएमएच) और खारघर स्थित एडवांस सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च ऐंड एजुकेशन इन कैंसर में पिछले 5 वर्ष में कैंसर के मामलों में 2% का इजाफा हुआ है। मुंबई, बनारस, गुवाहाटी, विशाखापट्टनम, संगरूर, मुजफ्फरपुर इन सभी केंद्रों में 2019 में 2981 बच्चे इलाज के लिए रजिस्टर हुए थे। वहीं 2024 में 3874 बच्चों का रजिस्ट्रेशन किया गया था। यानी 5 वर्ष में रजिस्ट्रेशन में 30% का इजाफा हुआ है। वहीं अन्य राज्यों में स्थापित किए गए टाटा के केंद्रों में भी रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़ी है।
इंडियन कैंसर सोसायटी के अनुसार देश में सालाना लगभग 50000 बच्चों में कैंसर होता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, बच्चों में कैंसर ट्रीटमेंट के बेहतरीन रिजल्ट मिलते हैं, बशर्ते बीमारी की पहचान जल्द हो और उपचार मिल जाए।
मुंबई ही नहीं, अन्य राज्यों के सेंटर्स पर भी बढ़ी संख्या
टाटा मेमोरियल सेंटर के विस्तार से मरीजों को लाभ हो रहा है। कुछ वर्ष पहले तक मरीजों को इलाज के लिए मुंबई का रुख करना पड़ता था, लेकिन टाटा के अन्य राज्यों में केंद्र शुरू होने से मुंबई के साथ उन केंद्रों पर भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। टाटा मेमोरियल सेंटर से मिले आंकड़ों के अनुसार, मुंबई में जहां 2019 में 2089 कैंसर से ग्रसित बच्चों ने पंजीकरण करवाया था, वहीं 2024 में 2131 नए मरीजों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था।
95 पर्सेंट बढ़ी संख्या
टाटा के अन्य 5 केंद्रों में 2019 में 892 मरीजों ने रजिस्ट्रेशन करवाया और 2024 में यह रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 1743 तक पहुंच गया है। यानी मुंबई में 5 साल में 2% और अन्य 5 केंद्रों में इलाज लेने वालों की संख्या में 95% का इजाफा हुआ है। टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक डॉ. सुदीप गुप्ता ने बताया कि बड़ों की तरह बच्चों में भी कैंसर का प्रमाण धीरे-धीरे बढ़ रहा है। अच्छी बात यह है कि समय पर इलाज से अच्छे रिजल्ट मिल रहे हैं।
80% मामलों में अच्छे रिजल्ट
टाटा मेमोरियल अस्पताल के अकादमिक निदेशक और पीडियाट्रिक मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट प्रो डॉ. श्रीपद बनवाली ने बताया कि ब्लड कैंसर से ग्रसित बच्चों में इलाज के बाद काफी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। लगभग 80% मरीज ठीक हो जाते हैं। वहीं कैंसर ट्यूमर से ग्रसित 70% बच्चे ठीक हो जाते हैं, जबकि 30% में रिलैप्स (कैंसर लौट आता है) हो जाता है।
ये लक्षण दिखें, तो न करें देर
डॉ. बनवाली ने बताया कि यदि बच्चे को दो सप्ताह से अधिक बुखार है, वजन घट रहा है, थकान लग रही है, भूख न लगना, रक्तस्राव होना यह ब्लड कैंसर के संकेत हो सकते हैं। वहीं ब्रेन ट्यूमर के लक्षण की बात करें तो सिर में दर्द, उल्टी होना, चक्कर आना, यदि लंबे समय से हड्डी में दर्द हो रहा है तो जांच जरूरी है।
बच्चों में ये 5 कैंसर प्रमुख
- 25% ल्यूकेमिया से ग्रसित होते हैं। यह श्वेत रक्त कोशिकाओं का कैंसर है। यह अस्थि मज्जा में बनने वाली रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है।
- 25% ब्रेन ट्यूमर से ग्रसित होते हैं। दिमाग में कैंसर की गांठ उत्पन्न होती है।
- 20% बच्चे लिम्फ़ोमा से ग्रसित पाए जाते हैं। यह एक तरह का रक्त कैंसर है, जो लसीका तंत्र को प्रभावित करता है।
- 10% बोन ट्यूमर से ग्रसित होते हैं। यानी हड्डियों में कैंसर हो जाता है।
- 10 फीसदी में अन्य सॉलिड ट्यूमर पाया जाता है। यानी शरीर के किसी भी हिस्से में कैंसर की गांठ बन जाती है।

