नालासोपारा : आरक्षित जमीन पर बनी 41 अवैध इमारतों पर बुल्डोजर; 7 इमारतों को पहले दिन ध्वस्त किया

Nalasopara: Bulldozers demolished 41 illegal buildings built on reserved land; 7 buildings demolished on the first day

नालासोपारा : आरक्षित जमीन पर बनी 41 अवैध इमारतों पर बुल्डोजर; 7 इमारतों को पहले दिन ध्वस्त किया

एक अदद आशियान बनाने में अक्सर लोगों की उम्र निकल जाती है, लेकिन जब उसी आशियाने को आंखों के सामने उजाड़ा जाए, तो उस घर बनाने वाले के दिल पर क्या गुज़रती है, ये वही बता सकता है। कुछ ऐसा ही मामला देखने को मिला नालासोपारा पूर्व अग्रवाल नगरी में। नालासोपारा पूर्व अग्रवाल नगरी में डंपिंग ग्राउंड और एसटीपी प्लांट की आरक्षित जमीन पर बनी 41 अवैध इमारतों पर गुरुवार की सुबह मनपा का बुल्डोजर चल पड़ा।

नालासोपारा : एक अदद आशियान बनाने में अक्सर लोगों की उम्र निकल जाती है, लेकिन जब उसी आशियाने को आंखों के सामने उजाड़ा जाए, तो उस घर बनाने वाले के दिल पर क्या गुज़रती है, ये वही बता सकता है। कुछ ऐसा ही मामला देखने को मिला नालासोपारा पूर्व अग्रवाल नगरी में। नालासोपारा पूर्व अग्रवाल नगरी में डंपिंग ग्राउंड और एसटीपी प्लांट की आरक्षित जमीन पर बनी 41 अवैध इमारतों पर गुरुवार की सुबह मनपा का बुल्डोजर चल पड़ा। यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की गई। पहले दिन सात इमारतों को ध्वस्त किया गया है। इस दौरान मनपा के 50 से अधिक अधिकारी समेत अन्य अमला मौजूद था। 

अपने घरों को ज़मींदोज़ होते हुए देखा
कार्रवाई के दौरान कुछ लोग अपने घरों को नहीं छोड़ना चाहते थे, लेकिन पुलिस बल और सुरक्षा गार्ड ने उन्हें घरों से बाहर निकाला। इस दौरान लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन प्रशासन के सामने वे लाचार और बेबस नज़र आए। रोते-बिलखते अपना सामान बटोरते हुए लोग घरों से निकले और अपनी आखों के सामने अपने आशियाने को ज़मींदोज़ होते हुए देखा। पहले दिन की कार्रवाई में लगभग 50 से अधिक परिवार बेघर हुए है। 

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सुप्रीम कोर्ट से भी निराशा हाथ लगी
बता दें कि नालासोपारा पूर्व अग्रवाल नगरी में लगभग 30 एकड़ जमीन डंपिंग ग्राउंड और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए आरक्षित थी। 2006 से पहले इस जमीन पर 41 अवैध इमारतें बनाई गईं, जहां अभी करीब तीन हजार से ज्यादा परिवार रहते हैं। जमीन को लेकर मामला बॉम्बे हाइकोर्ट में था। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सभी 41 इमारतों को अवैध घोषित करे हुए उन्हें ध्वस्त करने के निर्देश दिए। रहवासियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा हाथ लगी।

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