नागपुर : बढ़ते शहरी निर्माण के बीच पार्किंग संकट गहरा, सिटी प्रशासन कार्रवाई में सक्रिय
Nagpur: Parking crisis deepens amid rising urban construction, city administration swings into action
शहर तेजी से बदल रहा है लेकिन शहर की बुनियादी समस्या, यानी पार्किंग की जगह, अभी भी जस की तस बनी हुई है। शहर की सड़कें खासकर प्रमुख वाणिज्यिक क्षेत्रों — सीताबुलडी, रामदासपेट और धांतोली — में पार्किंग के लिए उपलब्ध मुक्त स्थान तेजी से घट रहा है। प्रशासन लगातार ‘नो पार्किंग’ उल्लंघन के नाम पर कार्रवाई करता है, जबकि अधिकतर स्थान पर आधिकारिक पार्किंग की सुविधा या तो मौजूद नहीं है या अवैध निर्माण के चलते बाधित है।
नागपुर : शहर तेजी से बदल रहा है लेकिन शहर की बुनियादी समस्या, यानी पार्किंग की जगह, अभी भी जस की तस बनी हुई है। शहर की सड़कें खासकर प्रमुख वाणिज्यिक क्षेत्रों — सीताबुलडी, रामदासपेट और धांतोली — में पार्किंग के लिए उपलब्ध मुक्त स्थान तेजी से घट रहा है। प्रशासन लगातार ‘नो पार्किंग’ उल्लंघन के नाम पर कार्रवाई करता है, जबकि अधिकतर स्थान पर आधिकारिक पार्किंग की सुविधा या तो मौजूद नहीं है या अवैध निर्माण के चलते बाधित है। ऐसे में आम वाहन मालिकों को बिना किसी गलती के जुर्माना या कार्रवाई झेलनी पड़ती है। शहर में सक्रिय और संगठित नागरिक दबाव समूहों की कमी के कारण यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। नागरिक बार-बार दबाव में रह रहे हैं, जबकि ऊंची और ग्लास-पैनल वाली नई इमारतें शहर को आधुनिक और शानदार दिखाती हैं, सड़क पर स्थित वास्तविक स्थिति इसके विपरीत है।
स्थानीय प्रशासन द्वारा पार्किंग समस्या के स्थायी समाधान के लिए ठोस प्रयास नहीं किए जाने से स्थिति और भी जटिल हो गई है। सड़कों पर पार्किंग की कमी और ‘नो पार्किंग’ नियमों के क्रियान्वयन के कारण वाहन मालिकों और आम नागरिकों में असंतोष बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि नगर नियोजन और पार्किंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान न देने से वाणिज्यिक क्षेत्र में ट्रैफिक जाम और रोड सेफ्टी समस्याएं बढ़ेंगी। प्रशासन को जरूरी है कि शहर में पर्याप्त पार्किंग स्थान विकसित करे और नागरिकों के लिए संतुलित नियम बनाएं।
साथ ही, यह भी जरूरी है कि शहर में नागरिक समूह सक्रिय हों और पार्किंग जैसी महत्वपूर्ण सार्वजनिक समस्याओं को प्रभावी ढंग से उठाएं। शहर की शहरी विकास योजना में पार्किंग और सड़क उपयोग का संतुलित प्रबंधन प्राथमिकता के रूप में होना चाहिए, ताकि नागपुर के नागरिकों को रोजमर्रा की परेशानी से राहत मिल सके।

