पृथ्वीराज चव्हाण ने की मनोज जरांगे से भेंट...

Prithviraj Chavan met Manoj Jarange...

पृथ्वीराज चव्हाण ने की मनोज जरांगे से भेंट...

चव्हाण ने कहा, ‘‘मैं उनसे सातारा में मिलना चाहता था, लेकिन उनके जल्दी चले जाने के कारण नहीं मिल सका. इसलिए मैं यहां अंतरवाली सरती आया हूं. वह मराठा समुदाय के लिए आंदोलन कर रहे हैं. मैंने उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा. वह नि:स्वार्थ आंदोलन कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मंडल आयोग और काका कालेलकर आयोग ने मराठाओं को पिछड़ा नहीं माना, लेकिन यह समुदाय कर्नाटक और मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग का हिस्सा है. इसलिए हमने (कांग्रेस-एनसीपी सरकार) उन्हें 16 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया था.’’

मुंबई : वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने गुरूवार को जालना में मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे से मुलाकात की और कहा कि महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार को इस समुदाय की आरक्षण मांगों पर जल्द निर्णय लेना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा कि यह जरांगे के स्वास्थ्य के बारे में पता करने के लिए एक शिष्टाचार भेंट थी क्योंकि वह कुछ दिन पहले सातारा आए थे और बीमार पड़ गए थे.

चव्हाण ने कहा, ‘‘मैं उनसे सातारा में मिलना चाहता था, लेकिन उनके जल्दी चले जाने के कारण नहीं मिल सका. इसलिए मैं यहां अंतरवाली सरती आया हूं. वह मराठा समुदाय के लिए आंदोलन कर रहे हैं. मैंने उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा. वह नि:स्वार्थ आंदोलन कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मंडल आयोग और काका कालेलकर आयोग ने मराठाओं को पिछड़ा नहीं माना, लेकिन यह समुदाय कर्नाटक और मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग का हिस्सा है. इसलिए हमने (कांग्रेस-एनसीपी सरकार) उन्हें 16 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया था.’’

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कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमने राज्य ओबीसी आयोग से इस समुदाय के पिछड़ेपन के बारे में जमीनी हकीकत जानने को कहा था, लेकिन उसने यह कहते हुए ऐसा करने इनकार कर दिया कि समुदाय को आरक्षण की जरूरत नहीं है. भूमिहीन मजदूर और छोटे भूखंड वाले लोग संकट में हैं और पढ़ाई-लिखाई पर खर्च करना उनके लिए मुश्किल हो रहा है. अगर उन्हें आरक्षण मिलता है, तो उन्हें सरकारी नौकरियां मिलने की कुछ उम्मीद होगी.’’

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चव्हाण ने कहा कि जुलाई, 2014 में (महाराष्ट्र की) तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार द्वारा मराठाओं तथा मुसलमानों को दिए गए आरक्षण को अगली (देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली भाजपा-शिवसेना) सरकार द्वारा आगे नहीं बढ़ाया गया. उन्होंने कहा, ‘‘हमने आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई दो बैठकों में भाग लिया. लेकिन सरकार में होने के नाते उन्हें अब निर्णय लेना ही होगा.’’

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