महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत का प्लान; आशीष शेलार ने फडणवीस की तुलना सचिन तेंदुलकर से की
Plan to win Maharashtra assembly elections; Ashish Shelar compares Fadnavis to Sachin Tendulkar
मुंबई: लोकसभा चुनावों में शिकस्त के बाद बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए हुंकार भरी है। आरएसएस के मुखपत्र 'द आर्गनाइजर' में बीजेपी की खराब प्रदर्शन के लिए अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी से गठबंधन को वजह बताया गया था, लेकिन महाराष्ट्र बीजेपी ने अपनी पत्रिका 'मनोगत' के जून अंक में लोकसभा चुनावों पर विस्तार से चर्चा की है।
मुंबई: लोकसभा चुनावों में शिकस्त के बाद बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए हुंकार भरी है। आरएसएस के मुखपत्र 'द आर्गनाइजर' में बीजेपी की खराब प्रदर्शन के लिए अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी से गठबंधन को वजह बताया गया था, लेकिन महाराष्ट्र बीजेपी ने अपनी पत्रिका 'मनोगत' के जून अंक में लोकसभा चुनावों पर विस्तार से चर्चा की है। पत्रिका में शीर्षक में कहा गया है कि विधानसभा चुनावों में जीत मिलने तक रुकना नहीं है।
लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफे की पेशकश की थी। पत्रिका में उनके उस बयान को प्रमुखता से जगह मिली है जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में हम तीन पार्टियों के एक चौथी फैक्टर से लड़े, वह था झूठे नैरेटिव। फडणवीस ने कहा है कि हमें इसकी अपेक्ष नहीं थी। इसके लिए हमारी तैयारी भी नहीं थी। मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलार ने फडणवीस की तुलना सचिन तेंदुलकर से की है। पत्रिका में लिखा गया है कि सचिन तेंदुलकर अगर किसी मैच कम रन बनाए तो उनका दर्जा कम नहीं होता है। मुंबई की छह सीटों में महायुति को दो सीटें मिली हैं जबकि महाविकास आघाडी ने चार सीटें जीत ली थीं।
बीजेपी ने अपनी पत्रिका में कार्यकर्ताओं को निराश नहीं होने की अपील करते हुए कहा है कि उसका वोट प्रतिशत नहीं गिरा है। अगर अगले चुनावों में 1.5 फीसदी वोट और अर्जित कर लिए तो महाराष्ट्र में पार्टी की सरकार होगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे प्रदेश बीजेपी के उपाध्यक्ष माधव भंडारी ने अपने लेख में लिखा है कि कार्यकर्ताओं को लिए पार्टी को मजबूत करने का बड़ा अवसर है। उन्होंने लिखा है कि 1984 में पार्टी के पास राज्य में सिर्फ 14 विधायक थे, लेकिन पार्टी ने अगले 10 सालों में शिवसेना के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई। महायुति में भले ही अजित पवार के अलग पड़ने की अटकलें सुर्खियों में है, लेकिन पत्रिका में कहा गया है कि यह वक्त दोषारोपण कर नहीं है बल्कि आगे बढ़ने का है। देवेंद्र फडणवीस के हवाले से लिखा गया है कि गीष्म ऋतु खत्म हो गई है, वर्षा ऋतु आ चुकी है। यह वक्त नए बीज बोने का है, ताकि आने वाले दिनों अच्छे परिणाम को हासिल किया जा सके।
पत्रिका में लोकसभा चुनावों का विश्लेषण करते हुए लिखा गया है कि राज्य की 48 लोकसभा सीटों में 13 सीटें पाने वाली कांग्रेस को सिर्फ 97 लाख वोट मिले, जबकि बीजेपी को पूरे महाराष्ट्र में 1 करोड़ 49 लाख वोट मिले। पत्रिका में बताया गया है कि महाविकास आघाडी को राज्य में सिर्फ दो लाख वोट अधिक मिले हैं, इसके बाद भी पार्टी 130 विधानसभा सीटों पर आगे रही। मनोगत में विश्लेषण के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं को उठो जागो और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का संदेश दिया गया है। इस साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को बीजेपी के काफी मुश्किल माना जा रहा है। पत्रिका में धार्मिक धुर्वीकरण को चुनौती माना गया है। बीजेपी 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।

