आत्महत्या रोकने के लिए किसानों को भजन-कीर्तन कराएगी महाराष्ट्र सरकार
Maharashtra government will make farmers perform bhajan-kirtan to prevent suicide
मुंबई: मराठा आरक्षण और किसानों के आत्महत्या का मामला महाराष्ट्र सरकार के गले की फांस बन गई है। किसानों को आत्महत्या से रोकने के लिए अभी तक किये गए सभी प्रयास असफल रहने के बाद अब राज्य सरकार कीर्तन-प्रवचन के जरिए आत्महत्या रोकने की नीति तैयार की है।
मुंबई: मराठा आरक्षण और किसानों के आत्महत्या का मामला महाराष्ट्र सरकार के गले की फांस बन गई है। किसानों को आत्महत्या से रोकने के लिए अभी तक किये गए सभी प्रयास असफल रहने के बाद अब राज्य सरकार कीर्तन-प्रवचन के जरिए आत्महत्या रोकने की नीति तैयार की है। राज्य के जिन इलाकों में किसानों की आत्महत्या की दर ज्यादा है, उन भागों में कीर्तन-प्रवचन के माध्यम से जागरुकता फैलाने का कार्य किया जाएगा।
पिछले महीने विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार राज्य में रोज 7 किसान किसी न किसी कारण आत्महत्या कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने किसानों को आत्महत्या करने से रोकने के लिए कई सारे कदम उठाए हैं ।
इसके बावजूद आत्महत्याएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए संतों का आवहन करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के लिए बनाई गई टास्क फोर्स का जल्द ही पुनर्गठन किया जाएगा। हमारे राज्य में विभिन्न संत-महात्मा समाज में जागरुकता फैलाने का काम करते हैं। राज्य के जिन भागों में किसानों की आत्महत्या की दर ज्यादा है, उन भागों में कीर्तन-प्रवचन के माध्यम से हमें जागरुकता फैलाने का कार्य करना है। किसानों के मन में सकारात्मक विचार लाने और उनकी सोच को बदलने के लिए हमें प्रयास करना है, इस बाबत सरकार हर संभव मदद करेंगी ।
शिंदे ने कहा कि हमारे जैसे लोग जो राजनीति के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उन्हें संत महात्मा से देश और समाज के लिए काम करने की प्रेरणा मिलती है। मुझे क्या मिला है, इसकी अपेक्षा मैं देश और समाज को क्या देता हूँ, यह भावना जागृत होती है। इसीलिए आध्यात्मिक संस्था (प्रतिष्ठान) राजनीतिक संस्था (प्रतिष्ठान) से सर्वश्रेष्ठ है।
महाराष्ट्र को संतों का मार्गदर्शन और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत मिली है। संतों का सम्मान करना हमारी संस्कृति है। मराठी संस्कृति का वैभव यह वारकरी संप्रदाय जीवन की सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए ईश्वर भक्ति की शिक्षा देता है। कीर्तन-प्रवचन के माध्यम से समाज को शिक्षित करते हैं। महाराष्ट्र में कीर्तनकार का महत्व बहुत ज्यादा है। सही मार्ग पर सतत चलने के लिए अखंड हरिनाम सप्ताह समय की जरुरत है।
महाराष्ट्र में श्रद्धा और अंधश्रद्धा का सही परख करने की परंपरा हमेशा से देखने को मिली है। देव, देश और धर्म का रक्षा करने वाली आज की युवा पीढ़ी का हम निर्माण कर रहे हैं। हिंदू हृदय सम्राट बाला साहब का राम मंदिर निर्माण का सपना 22 जनवरी को पूरा हो रहा है। राज्य के सभी प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। तीर्थ क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है।

