पुणे में महायुति में सीट बंटवारे पर चर्चा नहीं - अजित पवार
No discussion on seat sharing in Mahayuti in Pune - Ajit Pawar
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पुणे में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि महायुति सरकार स्थिर है, क्योंकि उसके सभी 200 विधायक एकजुट हैं और शिंदे के नेतृत्व में राज्य अच्छा कर रहा है। अजित पवार ने कहा कि मैं 15 दिनों तक डेंगू से पीड़ित रहा, लेकिन कुछ लोगों ने दावा किया कि मुझे राजनीतिक बीमारी हुई थी, ऐसा कुछ नहीं है।
मुंबई : उपमुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजित पवार ने शनिवार को कहा कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों (महायुति) के बीच सीट बंटवारे को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है। महायुति में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार के गुट वाली राकांपा शामिल है।
पुणे में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि महायुति सरकार स्थिर है, क्योंकि उसके सभी 200 विधायक एकजुट हैं और शिंदे के नेतृत्व में राज्य अच्छा कर रहा है। अजित पवार ने कहा कि मैं 15 दिनों तक डेंगू से पीड़ित रहा, लेकिन कुछ लोगों ने दावा किया कि मुझे राजनीतिक बीमारी हुई थी, ऐसा कुछ नहीं है।
कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि मैं शिकायत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला था, लेकिन मैं शिकायत करने वालों में नहीं हूं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में आगामी चुनाव (लोकसभा व विधानसभा) के लिए सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इसलिए महाराष्ट्र में चुनाव को लेकर कोई बातचीत अभी तक नहीं हुई है।
उपमुख्यमंत्री ने शनिवार को पुणे में विभिन्न विकास कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि प्रशासकीय इमारत की योजना बनाते वक्त आगामी 50 वर्षों पर विचार करते हुए एक भी सरकारी कार्यालय की जगह किराए की जगह पर नहीं बने, इस दृष्टि से योजना बनाई जाए। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कार्यों की जानकारी ली।
अजित पवार ने शनिवार को राज्य के पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण की पुण्यतिथि के अवसर सातारा जिले के कराड जाकर उनके समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की। उपमुख्यमंत्री पर्णकुटी समाधि स्थल पर आयोजित भजन कार्यक्रम में शामिल हुए।
इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि दिवंगत यशवंतराव चव्हाण ने विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच सामंजस्य बनाकर सामाजिक सरोकार और राजनीति कैसे की जाए, इसका उदाहरण पेश किया। उस दौरान उनके द्वारा लिए गए फैसले आज भी महाराष्ट्र के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनके विचार, उनका साहित्य आज भी हम सभी के लिए मार्गदर्शक है।