OBC और मराठों पर दांव लगाने की तैयारी, जानें महाराष्ट्र में बीजेपी ने क्यों बदली रणनीति

Preparing to stake on OBCs and Marathas, BJP has changed strategy in Maharashtra...

OBC और मराठों पर दांव लगाने की तैयारी, जानें महाराष्ट्र में बीजेपी ने क्यों बदली रणनीति

महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता शंभूराज देसाई ने कहा कि बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार राज्य विधानसभा के मॉनसून सत्र या उससे भी पहले हो जाएगा। इसे बनाने में सरकार का फोकस 2024 का विधानसभा चुनाव होगा। बीजेपी की रणनीति महाराष्ट्र में ओबीसी और मराठा वोटर्स को जुड़ने की है।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव हारने के बाद बीजेपी के कान खड़े हो गए हैं। पार्टी नेतृत्व सोशल इंजिनियरिंग को लेकर सतर्क है। इसके लिए पार्टी ने रणनीति में बदलाव किया है। बीजेपी वर्ष 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले मराठा और ओबीसी को लुभाने की योजना पर आगे बढ़ रही है, ताकि सत्ता के शिखर पर आसानी से पहुंचा जा सके। पार्टी ओबीसी और मराठा मतदाताओं को खुश करने के लिए रणनीति के तहत उन्हें केंद्र बिंदु में रखते हुए कई सारे लोक लुभावने वादे कर सकती है। अहमदनगर जिले को महारानी अहिल्याबाई होलकर नाम देने की घोषणा को इसी नजर से देखा जा रहा है। महाराष्ट्र बीजेपी का अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को बनाना भी उनकी चुनावी रणनीति का एक हिस्सा है। प्रस्तावित एकनाथ शिंदे-फडणवीस मंत्रिमंडल विस्तार में ओबीसी और मराठों को ज्यादा महत्व मिलने उम्मीद है...BJP has changed strategy in Maharashtra....

आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि मराठा वोटर एनसीपी और कांग्रेस के साथ है, जबकि ओबीसी सभी दलों में बंटा हुआ है। सन 2014 में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में इन दोनों समाज की बड़ी भूमिका थी। हालांकि, तब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (ब्राह्मण) को बनाकर पार्टी ने मराठा समाज का दिल तोड़ दिया था....BJP has changed strategy in Maharashtra...

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मराठों को जोड़ने के लिए बीजेपी ने पार्टी में दर्जनों मराठा नेताओं को शामिल किया, फिर भी 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसकी कीमत चुकानी पड़ी। इसीलिए जब महा विकास आघाडी सरकार में फूट पड़ी, तब बीजेपी ने शिंदे सेना के साथ सरकार बनाई, तो उन्होंने मराठा मुख्यमंत्री बनाया। बीजेपी को लगता है कि आगामी चुनाव में यह निर्णय पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता है। महाराष्ट्र में करीब 35 प्रतिशत मराठा मतदाता हैं और 50 से 52 प्रतिशत के आसपास ओबीसी हैं। धनगर समुदाय लगभग 100 विधानसभा क्षेत्रों में मौजूद है। जानकारों की मानें, तो ओबीसी समुदाय में माली, धनगर और वंजारी 40 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक साबित होंगे...BJP has changed strategy in Maharashtra.....

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मराठवाडा में मुंडे बहनों ( पंकजा और प्रीतम मुंडे ) के अलावा बीजेपी ने भागवत कराड को केंद्र में मंत्री बनाने का फैसला किया है। ओबीसी नेता अतुल सावे बहुजन कल्याण और सहकारिता मंत्रालय देख रहे हैं। महाराष्ट्र बीजेपी की कमान भी ओबीसी नेता चंद्रशेखर बावनकुले के पास है। ओबीसी और मराठा समुदाय को अपना बनाने की बीजेपी की रणनीति कितनी कारगर होगी, यह चुनावी रिजल्ट तय करेगा।

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2019 के विधानसभा चुनाव नतीजे के बाद बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व देवेंद्र फडणवीस का पर लगातार कतर रहा है। मराठा नेता विनोद तावडे केंद्रीय राजनीति में जाने के बाद भी लगातार मजबूत हो रहे हैं। मुख्यमंत्री रहते फडणवीस ने जिन-जिन नेताओं के पर काटे थे, अब वे मजबूती से सामने आ रहे हैं। विनोद तावडे ने केंद्र में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है, आशीष शेलार भी आगे बढ़ रहे हैं। ये दोनों ही मराठा हैं।

तावडे अब फडणवीस और उनके निर्णय के खिलाफ मुखर होकर बोलने लगे हैं। जिस एकनाथ खडसे को उन्होंने बीजेपी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था, उन्हें तावडे ने फिर से बीजेपी में शामिल होने का निमंत्रण दे दिया है। बीजेपी के नेता मानकर चल रहे हैं कि महाराष्ट्र में फडणवीस अब अपनी अंतिम पारी बतौर उपमुख्यमंत्री के रूप में खेल रहे हैं।

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