दो हजार नोट को बंद किए जाने पर बोले महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, नोटबंदी की नौटंकी दोहरानी थी तो चलाए क्यों?

Maharashtra Congress President Nana Patole speaks on 2000 notes withdrawal by RBI...

दो हजार नोट को बंद किए जाने पर बोले महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, नोटबंदी की नौटंकी दोहरानी थी तो चलाए क्यों?

दो हजार नोट को बंद किए जाने यानी नोटबंदी को दोहराने के फैसले पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले, ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं.

मुंबई: बना के क्यों बिगाड़ा रे? यह सवाल महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने किया है. उन्होंने कहा कि अगर 2000 के नोटों के साथ नोटबंदी दोहरानी थी तो चलन में लाया ही क्यों था? और अगर लाया तो फिर आगे तक चलाया क्यों नहीं? ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने तो 2000 के नोट बंद करने के फैसले को नौटंकी बताते हुए कहा है कि अर्थव्यवस्था ध्वस्त करने का केंद्र सरकार ने ठेका लिया है. लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि अगर आरबीआई ने कोई फैसला लिया है तो सोच समझ कर ही लिया होगा.

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बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार (19 मई) को एक बड़ा फैसला लेते हुए दो हजार के नोट को बाजार से वापस खींच लेने का फैसला किया है. यह बात क्लियर रहे कि आरबीआई ने इन नोटों को अवैध नहीं ठहराया है. इसका सर्कुलेशन बंद किया जा रहा है. यानी अब दो हजार के नोट छपेंगे नहीं, चलेंगे नहीं. जिनके पास दो हजार के नोट हैं वे 30 सितंबर 2023 तक उन्हें बैंक में जमा करवा सकेंगे.

इसकी शुरुआत 23 मई से होगी लेकिन एक बार में दो हजार के सिर्फ 20 नोट (20 हजार रुपए) ही जमा करवाए जा सकेंगे. आरबीआई ने कहा है कि बाजार में बाकी संख्या के नोट काफी मात्रा में उपलब्ध हैं. इसलिए बाजार में रुपए की कमी नहीं आएगी. आरबीआई ने कहा कि जिस मकसद से दो हजार के नोट छापे गए थे, वो मकसद पूरा हो गया. याद दिला दें कि साल 2016 में नोटबंदी के बाद 2000 के नोटों का चलन शुरू किया गया था.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सिर्फ एक वाक्य में अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होने कहा, ‘आरबीआई ने अगर कोई फैसला किया है तो सोच समझ कर किया होगा.’

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया को आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘ हमेशा की तरह मोदी सरकार का एक और फैसला गलत साबित हुआ. नोटबंदी लाकर केंद्र सरकार ने 2000 का नोट चलवाए थे. तब सरकार का दावा था कि नोटबंदी से काला धन खत्म होगा. पर ऐसा नहीं हुआ. सारे दावे फुस्स हुए. नोटबंदी का एक भी मकसद हासिल नहीं किया जा सका. लाइनों में लगकर सैकड़ों लोगों की मौत हुई. लाखों उद्योग-धंधे बंद हुए. अनेक लोग रोजगार से हाथ धो बैठे. देश की अर्थव्यवस्था की वाट लग गई. किसी तरह अर्थव्यवस्था संभल रही थी तो मोदी सरकार ने फिर एक बार दो हजार के नोट बंद करवाने का फैसला किया. अगर दो हजार के नोट बंद ही करने थे तो चलाए क्यों? ‘

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