आनंद मोहन केस में सुप्रीम कोर्ट का अहम निर्देश, बिहार सरकार से मांगा वास्तविक रिकॉर्ड
SC directs Bihar govt to produce original records on remission granted to ex-MP Anand Mohan in murder case
बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए और वक्त दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान बिहार सरकार से आनंद मोहन की रिहाई के रेकॉर्ड भी पेश करने को कहा।
नई दिल्ली: बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व नेता आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान मामले पर बिहार सरकार की ओर से समय से जवाब ना देने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई. इसी के साथ कोर्ट ने इस पर राजनीति करने से भी मना किया...SC gives last chance to Bihar government...

कोर्ट ने सभी पक्षकारों को ताकिद किया कि कोई भी इस मामले का कोर्ट में राजनीतिकरण नहीं करे. कोर्ट में सिर्फ कानूनी पहलू बताएं. वहीं याचिकाकर्ता ने इस मामले को जानबूझकर टालने का आरोप लगाया है. सुनवाई की शुरुआत होते ही याचिकाकर्ता की ओर से वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि याचिका सबको प्रेषित की गई. लेकिन जानबूझकर मामले को टालने की मांग की जा रही है और जवाब नहीं दाखिल किया गया है.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई और बिहार सरकार को जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी. बेंच ने बिहार सरकार को आखिरी मौका देते हुए कहा कि आगे सुनवाई को टाला नहीं जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को सजा में छूट के प्रावधानों से संबंधित बदलाव से जुड़े दस्तावेज पेश करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने बिहार सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है. इसी के साथ आनंद मोहन को भी एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया गया है...SC gives last chance to Bihar government...
इसके अलावा कोर्ट ने याचिकाकर्ता को बिहार के हलफनामे पर जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. बता दें, आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने याचिका दाखिल की थी. इससे पहले 8 मई को मामले की सुनवाई करते हुए बिहार सरकार और आनंद मोहन को नोटिस जारी किया गया था और 2 हफ्ते बाद सुनवाई की तारीख तय की थी. लेकिन ना ही बिहार सरकार और ना ही आनंद मोहन की ओर से अभी तक कोई जवाब दाखिल किया गया.
बता दें, आनंद मोहन जी कृष्णैया की हत्या मामले 16 साल तक जेल में था. इसके बाद बिहार सरकार ने कानून में बदलाव किया जिससे आनंद मोहन और 25 अन्य कैदी रिहा हो गए. जी कृष्णैया की पत्नी ने उनकी इसी रिहाई के खिलाफ याचिका दाखिल की थी...SC gives last chance to Bihar government...

