मुंबई में कच्चे आमों को जल्दी पकाने के लिए रसायनों का इस्तेमाल...
Chemicals are used to ripen raw mangoes quickly in Mumbai.
आम का सीजन आते ही मुनाफाखोरी की लालच में व्यापारी कच्चे आमों को जल्दी पकाने के लिए रसायनों का इस्तेमाल करते हैं, जिसका प्रतिकूल लोगों की सेहत पर पड़ता है। हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कुछ व्यापारी आम पर सीधे रसायनों का छिड़काव करते नजर आ रहे हैं। जब उन व्यापारियों ने वीडियो बनाते देखा तो स्प्रे की बॉटल छिपाने लगे। मुनाफाखोरी की लालच में आम व्यापारियों द्वारा की गई इस हरकत का लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
मुंबई : फलों के राजा आम का सीजन आते ही मुनाफाखोरी की लालच में व्यापारी कच्चे आमों को जल्दी पकाने के लिए रसायनों का इस्तेमाल करते हैं, जिसका प्रतिकूल लोगों की सेहत पर पड़ता है। हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कुछ व्यापारी आम पर सीधे रसायनों का छिड़काव करते नजर आ रहे हैं। जब उन व्यापारियों ने वीडियो बनाते देखा तो स्प्रे की बॉटल छिपाने लगे। मुनाफाखोरी की लालच में आम व्यापारियों द्वारा की गई इस हरकत का लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
इसलिए अब लोग एफडीए पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि आखिर इस तरह के आमों को बाजार में बिकने की आजादी कैसे दी जा रही है? गौरतलब है कि आम का मौसम शुरू होने से पहले एफडीए ने तीन समूहों का गठन कर इस तरह की घटनाओं पर नियंत्रण रखने का आदेश दिया था। उसके बावजूद इस प्रकार व्यापारियों द्वारा रसायन का उपयोग आमों पर करना एफडीए के उन समूहों की नाकामयाबी को दर्शा रहा है।
आखिरकार ये समूह बाजार के किस हिस्से में जांच कर रहे हैं कि इस तरह के मुनाफाखोर व्यापारियों को नहीं पकड़ पा रहे हैं। दरअसल, गर्मियां बढ़ने के बाद लोग आम खरीदना शुरू कर देते हैं ऐसे में मांग ज्यादा होने पर पके हुए आम न उपलब्ध होने पर व्यापारी कच्चे आमों पर रसायन छिड़क कर उसे जल्दी पकाने का प्रयास करते हैं।

