मुंबई में बढ़ती गर्मी का असर विकास और जीडीपी पर...
Impact of rising heat in Mumbai on development and GDP
देश में जनवरी से अक्टूबर तक तकरीबन हर रोज खराब मौसम देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से देश को एक साथ कई सारी मौसमी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। रिसर्चर्स ने यह चेतावनी भी दी कि भीषण गर्मी के चलते खुले में काम करने की लोगों की क्षमता १५ फीसदी तक कम हो सकती है।
मुंबई : मुंबई गर्मी हर साल बढ़ रही है। अब इस बढ़ती गर्मी का असर हिंदुस्थान के विकास और जीडीपी पर पड़ रहा है। अत्यधिक गर्मी के चलते खेती के साथ ही अर्थव्यवस्था और लोगों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। वैंâब्रिज यूनिवर्सिटी में हुई एक स्टडी में खुलासा हुआ है। बता दें कि रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन की वजह से गरीबी, असमानता और बीमारियों को खत्म करने में देश की कोशिशें भी नाकाम हो रही हैं।
इस स्टडी को स्कॉलर्स की एक टीम ने पब्लिश किया है। टीम के लीडर रमित देबनाथ ने कहा कि लू के चलते १९९२ से अब तक देश में २४ हजार से ज्यादा मौतें दर्ज हुई हैं। गर्मी के चलते वायु प्रदूषण बढ़ गया है और उत्तर हिंदुस्थान के पहाड़ों में मौजूद ग्लेशियर पिघलने लगे हैं।
देश में जनवरी से अक्टूबर तक तकरीबन हर रोज खराब मौसम देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से देश को एक साथ कई सारी मौसमी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। रिसर्चर्स ने यह चेतावनी भी दी कि भीषण गर्मी के चलते खुले में काम करने की लोगों की क्षमता १५ फीसदी तक कम हो सकती है।
करीब ४८ लाख लोगों के जीवन की गुणवत्ता का स्तर गिर सकता है। इससे श्रम क्षेत्र प्रभावित होगा और देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। ९० फीसदी देबनाथ के अनुसार, हिंदुस्थान के लगभग ९० फीसदी क्षेत्र गंभीर हीट जोन बन चुके हैं और ये इस गर्मी से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं। हिंदुस्थान ने लू को अपने डिजास्टर रिलीफ पैकेज में शामिल किया है, लेकिन इन योजनाओं की रफ्तार को तेज करने की जरूरत है।

