आईटी सेक्टर के लगभग एक लाख युवा हुए बेरोजगार !
Nearly one lakh youth of IT sector became unemployed!
इस वर्ष जनवरी माह में रोजगार सृजन का आंकड़ा अपने २० माह के निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे रोजगार के बाजार पर दबाव के संकेत मिलते हैं। एक दिन पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ओर से जारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। ईपीएफ में नए मासिक सदस्यों की संख्या दिसंबर के ८,४०,३७४ से ७.५ प्रतिशत घटकर जनवरी में ७,७७,२३२ रह गई। फरवरी में यह आंकड़ा ५ प्रतिशत और गिर गया है। ईपीएफ में शामिल होनेवाले नए सदस्यों की संख्या पिछले वर्ष मई २०२१ के बाद सबसे कम संख्या है। मई में महज ६,४९,६१८ सदस्यों ने नए पंजीकरण किए थे।
मुंबई : देश में भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार रोजगार सृजन के मामले में कारगर उपाय करने में असफल साबित हो रही है। एक तरफ जहां नए रोजगार सृजन की गुंजाइश न्यूनतम स्तर पर है, वहीं आईटी सेक्टर में लाखों युवा बेरोजगारी की कगार पर हैं। पिछले कुछ महीनों में आईटी सेक्टर के देश में लगभग एक लाख युवा बेरोजगार हुए हैं। इतना ही नहीं यूबीएस और सुइस बैंक के मर्जर से भी फाइनेंशियल टेक्नो हब इंडिया को झटका लग सकता है। मोदी सरकार देश में भले रोजगार पैदा करने को लेकर रोज नए-नए दावे घोषित करे, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो इस वर्ष की पहली तिमाही में नए रोजगार सृजन की रिपोर्ट पिछले २० महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है।
इस वर्ष जनवरी माह में रोजगार सृजन का आंकड़ा अपने २० माह के निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे रोजगार के बाजार पर दबाव के संकेत मिलते हैं। एक दिन पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ओर से जारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। ईपीएफ में नए मासिक सदस्यों की संख्या दिसंबर के ८,४०,३७४ से ७.५ प्रतिशत घटकर जनवरी में ७,७७,२३२ रह गई। फरवरी में यह आंकड़ा ५ प्रतिशत और गिर गया है। ईपीएफ में शामिल होनेवाले नए सदस्यों की संख्या पिछले वर्ष मई २०२१ के बाद सबसे कम संख्या है। मई में महज ६,४९,६१८ सदस्यों ने नए पंजीकरण किए थे।
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