
ED के खिलाफ राज्य भर में करेंगे जेल भरो आंदोलन - सुषमा अंधारे
Statewide Jail Bharo agitation against ED - Sushma Andhare
पूर्व सांसद किरीट सोमैया समय-समय पर पत्रकार परिषद लेकर कार्रवाई की जानकारी देते हैं। क्या ईडी के वही प्रमुख बन गए हैं?’ ऐसा सवाल अंधारे ने किया। उन्होंने कहा कि ‘वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश करने के लिए इससे पहले प्रताप सरनाईक, आनंद अडसूल, भावना गवली, यशवंत जाधव, अर्जुन खोतकर के खिलाफ सोमैया ने मुहिम छेड़ा था। इस पर अब सोमैया शांत कैसे हो गए?
मुंबई : केंद्र सरकार द्वारा स्वतंत्र एजेंसियों को हाथ में लेकर विरोधियों पर छापेमारी कर उनकी आवाज को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है। ईडी की ओर से लगातार केवल विरोधी दलों के लोगों को ही टारगेट किया जा रहा है। इस पार्श्वभूमि पर राज्य भर में जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए वरिष्ठ स्तर पर महाविकास आघाड़ी पदाधिकारियों के साथ भी चर्चा शुरू है। इस तरह की जानकारी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) उपनेता सुषमा अंधारे ने दी है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के शहर मध्यवर्ती कार्यालय में आयोजित पत्रकार परिषद में अंधारे ने उक्त बातें कहीं। इस दौरान शहर प्रमुख संजय मोरे, गजानन थरकूडे, आनंद भोईर उपस्थित थे। अंधारे ने कहा कि ‘देश की स्वतंत्र एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर विभिन्न दलों के नौ प्रमुखों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पत्राचार किया है, इसका जवाब भाजपा नेता नहीं दे रहे हैं।
हालांकि, उनके पूर्व सांसद किरीट सोमैया समय-समय पर पत्रकार परिषद लेकर कार्रवाई की जानकारी देते हैं। क्या ईडी के वही प्रमुख बन गए हैं?’ ऐसा सवाल अंधारे ने किया। उन्होंने कहा कि ‘वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश करने के लिए इससे पहले प्रताप सरनाईक, आनंद अडसूल, भावना गवली, यशवंत जाधव, अर्जुन खोतकर के खिलाफ सोमैया ने मुहिम छेड़ा था। इस पर अब सोमैया शांत कैसे हो गए?
उन्हें भेजी गई नोटिसों का क्या हुआ, इसका जवाब ईडी को देना चाहिए।’ अंधारे ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर हम कोर्ट भी जाएंगे। ईडी द्वारा शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत की हुई गिरफ्तारी अवैध थी। संबंधित मामले में उनकी कहीं भी संलिप्तता नहीं मिली। इस मामले में न्यायालय ने ईडी के विरोध में निरीक्षण दर्ज किया है, ऐसा अंधारे ने कहा। राज्य में बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है।
हाथ में आई फसल बर्बाद हो गई है, वहीं प्याज की कीमत भी कबाड़ से भी कम है। इसलिए शिंदे-फडणवीस सरकार को किसानों के दुख को समझते हुए कोई रास्ता निकालना चाहिए। उन्हें मदद मुहैया कराने के लिए प्राथमिकता दिए जाने की मांग भी सुषमा अंधारे ने की। ईडी के अधिकारी सत्यव्रत कुमार वर्ष २०१४ से २०२३ यानी ९ वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत हैं। क्या उनकी कार्य प्रणाली पर किसी को भी आपत्ति नहीं है? क्या इतने सालों तक एक ही स्थान पर काम किया जा सकता है? क्या केंद्र सरकार की ओर से संबंधित अधिकारी को संरक्षण प्राप्त है? ईडी की हर कार्रवाई के बारे में किरीट सोमैया को कैसे जानकारी मिलती है? इसकी भी जांच होनी चाहिए। आज जो सूप में हैं, वह कभी भी जांतें में जा सकते हैं, ऐसा सुषमा अंधारे ने कहा।
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