महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद अब मातोश्री भी जाएगा? उद्धव ठाकरे की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें!

After Shiv Sena in Maharashtra, now Matoshree will also go? Uddhav Thackeray's difficulties are going to increase!

महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद अब मातोश्री भी जाएगा? उद्धव ठाकरे की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें!

महाराष्ट्र में शिंदे गुट की बगावत के बाद शुरू हुई राजनीतिक हलचल एकबार फिर से बढ़ गयी है. शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को मिलने के बाद दोनों खेमे से राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है. इस बीच चुनाव चिन्ह और नाम को लेकर खत्म हुई लड़ाई के बाद अब लड़ाई पार्टी की प्रॉपर्टी को लेकर शुरू हो सकती है.

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में शिंदे गुट की बगावत के बाद शुरू हुई राजनीतिक हलचल एकबार फिर से बढ़ गयी है. शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को मिलने के बाद दोनों खेमे से राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है. इस बीच चुनाव चिन्ह और नाम को लेकर खत्म हुई लड़ाई के बाद अब लड़ाई पार्टी की प्रॉपर्टी को लेकर शुरू हो सकती है.

खबर है कि शिंदे गुट मातोश्री पर भी अपना दावा कर सकता है. वहीं 150 करोड़ के पार्टी फंड को लेकर भी तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. जानकारों का कहना है कि पार्टी फंड भी शिंदे गुट के हाथ में जा सकता है. सीएम शिंदे गुट का पलड़ा हर तरह से भारी नजर आ रहा है. 

Read More मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग पर आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस के विधायक लक्ष्मण सावदी की आलोचना की

उद्धव ठाकरे के साथ वाले सांसद और विधायक शिवसेना के व्हिप से जुड़े हैं. अब देखना है कि अगर शिवसेना कोई व्हिप जारी करती है तो क्या वे इसके खिलाफ जाते हैं, क्योंकि व्हिप के खिलाफ जाने पर पार्टी उन्हें अयोग्य घोषित कर सकती है. अगर ये सांसद-विधायक व्हिप के साथ जाएंगे तो उन्हें सरेंडर करना होगा. अब देखना है कि 27 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में इसे लेकर क्या होता है. 

Read More महाराष्ट्र के अहिल्या नगर पहुंचे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का अन्ना हजारे ने किया स्वागत...

शिवसेना का मतलब अब शिंदे या शिंदे का मतलब शिवसेना हो गया है. आयोग के फैसले के बाद अब उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना की बात खत्म हो गयी है. पार्टी के दो गुट होने की मान्यता खत्म हो गयी है, क्योंकि चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को वास्तविक चुनाव चिन्ह दे दिया है और ठाकरे गुट से 6 दशक पुराना चिह्न वापस ले लिया गया है.

Read More केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बचाव में उतरे महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस, बोले- वे ऐसा कर ही नहीं सकते

चुनाव आयोग के इस फैसले पर ठाकरे गुट ने कड़ी आपत्ति जतायी है. आज से 57 साल पहले यानी 1966 में बनी शिवसेना का चुनाव चिन्ह ठाकरे परिवार के हाथ से निकल चुका है. कुल 67 विधायकों में से 40 का समर्थन शिंदे गुट को है. शिंदे गुट के साथ 13 सांसद हैं जबकि ठाकरे गुट के साथ 7 सांसद हैं. 

Read More महाराष्ट्र : यात्रियों को बड़ी खुशखबरी;1300 से अधिक नई बसें शामिल करने का फैसला

वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोर्ट के फैसले से पहले चुनाव आयोग का फैसला देना गलत है. मैंने कहा था कि आयोग को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले फैसला नहीं देना चाहिए. यदि पार्टी का वजूद विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर तय होता है, तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद को खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है. उन्होंने कहा कि चोरों को धनुष-बाण की चोरी का आनंद लेने दीजिए. उन्होंने नाम और निशान की चोरी की है. चोर तो चोर ही होता है.