यूनिसेफ द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार ७० फीसदी जल प्रदूषित...
According to the report released by UNICEF, 70 percent of water polluted...
किसी भी जीव की जिंदगी के लिए जल अति आवश्यक तरल पदार्थ है। इसीलिए कहा जाता है कि ‘जल ही जीवन है।’ मगर हिंदुस्थान में उपलब्ध जल का ये हाल है कि लगभग हर घर में ‘प्रदूषित’ जल है। असल में केंद्र की नाकामियों पर ‘यूनिसेफ’ ने एक जबरदस्त खुलासा किया है। यूनिसेफ द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार हिंदुस्थान में ७० फीसदी जल प्रदूषित है। ऐसे में कहा जा सकता है कि ७० फीसदी हिंदुस्थानी गंदा पानी पी रहे हैं।
मुंबई : किसी भी जीव की जिंदगी के लिए जल अति आवश्यक तरल पदार्थ है। इसीलिए कहा जाता है कि ‘जल ही जीवन है।’ मगर हिंदुस्थान में उपलब्ध जल का ये हाल है कि लगभग हर घर में ‘प्रदूषित’ जल है। असल में केंद्र की नाकामियों पर ‘यूनिसेफ’ ने एक जबरदस्त खुलासा किया है। यूनिसेफ द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार हिंदुस्थान में ७० फीसदी जल प्रदूषित है। ऐसे में कहा जा सकता है कि ७० फीसदी हिंदुस्थानी गंदा पानी पी रहे हैं। यूनिसेफ ने हिंदुस्थान समेत पूरी दुनिया का जल सर्वे किया है। इस सर्वे में दुनिया के कई हिस्सों में प्रदूषित जल पाया गया। इस सर्वे रिपोर्ट में हिंदुस्थान की स्थिति काफी चिंताजनक नजर आई। इसके अनुसार देश में इस वक्त पानी बहुत ज्यादा प्रदूषित हो गया है।
आज काफी घरों में भले ही वाटर फिल्टर लग गए हों, मगर अभी भी एक बड़ी आबादी सीधे नल से पानी पीती है। लोग बाहर होते हैं तो कोशिश करते हैं कि बोतल वाला पानी पीएं। गौरतलब है कि हिंदुस्थान में नल के पानी की स्थिति क्षेत्र और पानी के स्रोत के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। कुछ क्षेत्रों में नल के पानी में उच्च स्तर के दूषित पदार्थ जैसे बैक्टीरिया, हैवी मेटल या रसायन हो सकते हैं। ये पानी पीने लायक बिल्कुल नहीं होता है। इसे पीने के बाद लोग गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार कई शहरों में नल के पानी की स्थिति ठीक है। यानी इन शहरों का पानी देश के मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है। अगर आप ऐसे शहरों में रहते हैं तो आप यहां सीधे नल से पानी पी सकते हैं।
हालांकि, हिंदुस्थान में ऐसे शहर बेहद कम हैं इसलिए जब भी आप बाहर का पानी पीएं तो कोशिश करें कि इस पानी को उबालकर पीएं। दरअसल, पानी को कई मिनट तक उबालने से हानिकारक जीवाणुओं को मारने और इसे पीने के लिए सुरक्षित बनाने में भी मदद मिल सकती है। केंद्र सरकार ने ग्रामीण समुदायों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत अभियान (स्वच्छ भारत मिशन) और राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम सहित इस मुद्दे को हल करने के लिए कई पहलें शुरू की हैं। हालांकि, इन पहलों का कार्यान्वयन धीमा रहा है और यह सुनिश्चित करने के लिए अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है कि सभी लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध हो। सरकार, गैर-सरकारी संगठन और निजी कंपनियां सभी मिलकर स्थिति को सुधारने के लिए काम कर रहे हैं।

