महाराष्ट्र में खसरे का संक्रमण... टास्क फोर्स ने जताई चिंता, ७२ फीसदी शिशुओं की हुई मौत
Measles infection in Maharashtra... task force expressed concern, 72 percent of infants died
महाराष्ट्र में ढाई महीने पहले से शुरू हुए खसरे का संक्रमण अभी टला नहीं है। खसरे की रोकथाम को लेकर ‘ईडी’ सरकार कोई उचित इंतजाम नहीं कर रही है। ‘ईडी’ सरकार की इस लापरवाही को लेकर टास्क फोर्स ने भी चिंता जताई है। राज्य के खसरा टास्क फोर्स ने चिंता जताते हुए कहा है कि बीमारी का संकट अभी टला नहीं है।
मुंबई : महाराष्ट्र में ढाई महीने पहले से शुरू हुए खसरे का संक्रमण अभी टला नहीं है। खसरे की रोकथाम को लेकर ‘ईडी’ सरकार कोई उचित इंतजाम नहीं कर रही है। ‘ईडी’ सरकार की इस लापरवाही को लेकर टास्क फोर्स ने भी चिंता जताई है। राज्य के खसरा टास्क फोर्स ने चिंता जताते हुए कहा है कि बीमारी का संकट अभी टला नहीं है।
साथ ही यह भी आशंका व्यक्त की है कि आनेवाले समय में खसरे के संक्रमण में वृद्धि होगी, इसलिए बीमारी की रोकथाम के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। टास्क फोर्स के हवाले से ये भी जानकारी सामने आई है कि नौ माह से कम उम्र के बच्चों को खसरे के टीके की अतिरिक्त खुराक देने का प्रस्ताव अभी भी विचाराधीन है। इसे लेकर राज्य के स्वास्थ्य विभाग और केंद्र सरकार को पत्र भी दिया जाएगा। राज्य में खसरे से प्रभावित हुए नौ महीने से कम उम्र के ७२ फीसदी शिशुओं की मौत हुई है, जो कि बड़ी ही चिंता की बात है।
मनपा स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक साल २०२० और २०२१ में कोविड के कारण दूसरी बीमारियों के वैक्सीनेशन का काम प्रभावित हुआ था, जिसमें खसरा भी शामिल है। इस वजह से बड़ी संख्या में बच्चे खसरे की वैक्सीन लेने से चूक गए। बीते साल सितंबर के आखिर से ही खसरे के मामलों में तेजी आई। मुंबई में सबसे ज्यादा संक्रमण गोवंडी, देवनार, कुर्ला और चूनाभट्टी जैसे इलाकों में पैâला था। यहां ज्यादातर झोपड़पट्टियां हैं, जहां न तो बेहतर स्वास्थ्य सुविधा है, न साफ-सफाई है और न ही अच्छा खान-पान ही है। इतना ही नहीं इन इलाकों में कई सारे फर्जी डॉक्टर भी हैं, जिस कारण मरीजों को सही इलाज भी नहीं मिल पाता है।
जानकारी के अनुसार रहने के लिए गंदी जगह, बड़ा परिवार, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, साफ-सफाई व पोषण की कमी, कमजोर इम्युनिटी, वैक्सीन नहीं लगवाने जैसी वजहें खसरे की बीमारी के फैलने का मुख्य कारण है। बताया गया है कि राज्य में खसरे का प्रकोप मार्च माह तक जारी रहने की आशंका है। हालांकि, राज्य का स्वास्थ्य विभाग भले ही खसरे के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए एक सक्रिय रणनीति बनाने की योजना बना रहा है।
इसके अनुसार जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के प्रयास भी किए जा रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार की तरफ से अब तक खसरे के संक्रमण को पैâलने से रोकने के लिए किए गए सारे नीतिगत उपाय खामियों के चलते विफल साबित हुए हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि सरकार का यह प्रयास भी खासा कारगर नहीं होनेवाला है। खसरा परिक्षण लैब स्थापित करने में ‘ईडी’ सरकार रुचि भी नहीं दिखा रही है।

