कोश्यारी से महाराष्ट्र को छुटकारा मिल जाता है तो यह खुशी की बात होगी - शरद पवार
It will be a matter of happiness if Maharashtra gets rid of Koshyari - Sharad Pawar
.jpg)
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से महाराष्ट्र को छुटकारा मिल जाता है तो यह खुशी की बात होगी, ऐसा स्पष्ट मत राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कल व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी को राज्यपाल के पद से हटा दिया जाएगा, ऐसी चर्चा हमने सुनी है।
मुंबई : राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से महाराष्ट्र को छुटकारा मिल जाता है तो यह खुशी की बात होगी, ऐसा स्पष्ट मत राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कल व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी को राज्यपाल के पद से हटा दिया जाएगा, ऐसी चर्चा हमने सुनी है। हालांकि, मेरे पास ठोस जानकारी नहीं है लेकिन सब मिलाकर एक बात अच्छी होगी कि अभी जो राज्यपाल हैं, उनसे महाराष्ट्र को छुटकारा मिल गया, तो मुझे बहुत खुशी होगी, ऐसा शरद पवार ने कहा। कल कोल्हापुर में आयोजित पत्रकार परिषद में पवार ने उक्त बातें कहीं।
इस अवसर पर शरद पवार ने देश सहित महाराष्ट्र के सभी मुद्दे पर विस्तार से मीडिया को जानकारी दी। इस मौके पर शरद पवार ने इंडिया टुडे और सी वोटर द्वारा कराए गए ‘मूड ऑफ नेशन’ सर्वे के नतीजों पर भी टिप्पणी की। ‘मूड ऑफ नेशन’ सर्वे के मुताबिक महाविकास आघाड़ी को महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में ३४ सीटों पर जीत का अनुमान है इसलिए विरोधियों में खुशी का माहौल है। इस बारे में बात करते हुए शरद पवार ने कहा कि इंडिया टुडे और सी वोटर के पहले के सर्वे सटीक रहे हैं। मैं उन पर बिल्कुल भरोसा नहीं करूंगा। लेकिन इस सर्वे ने सबको दिशा दिखा दी है। वह दिशा सत्ताधारी दल के लिए आसान नहीं है, ऐसा पवार ने कहा।
कर्नाटक में भाजपा की सत्ता नहीं रहेगी, वहां लोग बदलाव के लिए उत्सुक हैं। अन्य राज्यों में भी ऐसी स्थिति हो सकती है, ऐसा विश्वास शरद पवार ने व्यक्त किया। भाजपा के विरोध में सभी विरोधी दलों की एकजुटता और वर्तमान में उसकी क्या स्थिति है? इस बारे में पूछे गए सवाल पर पवार ने कहा कि अभी सकारात्मक कुछ भी कहने योग्य नहीं है।
मैं खुद कई लोगों से बात कर रहा हूं। विपक्ष को साथ लाने का हमारा प्रयत्न शुरू है, लेकिन कहीं-न-कहीं स्थानीय मुद्दे आड़े आ रहे हैं। उन्होंने केरल का उदाहरण देते हुए कहा कि डाव्या और राकांपा अन्य दल की सत्ता है, लेकिन वहां मुख्य विपक्ष कांग्रेस पार्टी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और राकांपा एक साथ हैं। लेकिन कुछ स्थानीय मुद्दे अनुकूल नहीं हैं। हमें इन समस्याओं का समाधान करना होगा। सौभाग्य से, संसद का सत्र दो दिनों में शुरू होनेवाला है। सभी लोग मिलेंगे और बातचीत शुरू की जाएगी, ऐसा पवार ने कहा।