फर्जी कॉल को सिरे से नहीं किया जा सकता खारिज...
Fake calls cannot be dismissed outright...
मुंबई हमेशा से ही पाकिस्तानी आतंकियों का सॉफ्ट टारगेट रही है। पाकिस्तानी आतंकी जम्मू-कश्मीर में तो आतंक का खूनी खेल खेलते ही रहते हैं, मौका मिलते ही मुंबई को भी दहलाने से बाज नहीं आते। मुंबईकर इसे पूर्व में कई बार भुगत भी चुके हैं। इसलिए जब भी कोई धमकी या आतंकी हमले के इनपुट की खबरें आती हैं तो मुंबईकर परेशान हो जाते हैं।
मुंबई : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई हमेशा से ही पाकिस्तानी आतंकियों का सॉफ्ट टारगेट रही है। पाकिस्तानी आतंकी जम्मू-कश्मीर में तो आतंक का खूनी खेल खेलते ही रहते हैं, मौका मिलते ही मुंबई को भी दहलाने से बाज नहीं आते। मुंबईकर इसे पूर्व में कई बार भुगत भी चुके हैं। इसलिए जब भी कोई धमकी या आतंकी हमले के इनपुट की खबरें आती हैं तो मुंबईकर परेशान हो जाते हैं।
अब मालाड के एक असामाजिक तत्व ने मुंबई को दहलाने की धमकी दी है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके पूछताछ की है और मान रही है कि उसने शराब के नशे में ऐसी हरकत की है। लेकिन मुंबईकरों का मानना है कि इस हॉक्स कॉल को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। अतीत में १९९३ में ऐसी लापरवाही हो चुकी है।
बता दें कि मुंबई में अतीत में १९९३ का सीरियल बम धमाका और २००८ में २६/११ जैसा भयंकर आतंकी हमला हो चुका है। इसके अलावा २००६ के जुलाई महीने में ७ लोकल ट्रेन में सीरियल धमाके हुए थे। इन तीन हमलों के अलावा गेटवे ऑफ इंडिया पर टैक्सी में धमाका, २००३ में मुलुंड में लोकल में विस्फोट, २००२ में बेस्ट की बस में धमाका और बाद में दादर के एक बस स्टॉप पर धमाके जैसे कई हमलों को ये आतंकी अंजाम दे चुके हैं।
इनमें १९९३ में जो सीरियल धमाके हुए थे, वे काफी भयानक थे और उस हमले में पहली बार ‘आरडीएक्स’ जैसे शक्तिशाली विस्फोटक का प्रयोग हुआ था। खास बात यह है कि उस विस्फोट के पहले माहिम में एक छोटे-मोटे गुंडे को पुलिस ने किसी वारदात में पकड़कर पीटा तो उसने मार से बचने के लिए बताया था कि शहर में बड़ी वारदात होनेवाली है और इसकी तैयारी हो रही थी, पर तब पुलिस ने उसकी बात पर भरोसा नहीं किया था।
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