मुंबई की यातयात समस्या से निपटने के लिए इंटेलिजेंट मैनेजमेंट ट्रैफिक सिस्टम
मुंबई। आगामी विधानसभा चुनाव को सर पर देखते हुए सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लेने के रिकार्ड तोड़ते कई महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ कुल 19 निर्णय लिया। जिसमे 891 करोड़ रूपये खर्च कर मुंबई की यातयात समस्या से निपटने के लिए इंटेलिजेंट मैनेजमेंट ट्रैफिक सिस्टम लागू
सवा करोड आबादी पार कर रहे मुंबई शहर में यातायात की विकट समस्या से निपटने के लिए सरकार ने अब इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को लागू करने का निर्णय लिया है। मुंबई के सभी सिग्नल अब ऑटोमैटिक होंगे , साथ ही सीसीटीवी , वाहनों के नंबर प्लेट , लाइसेंस , तेज गति , लाइन से बाहर जा रहे वाहन और अवैध पार्किंग आदि पर मशीने काम करेंगी। सड़क पर जहा गाड़ियों की संख्या देखकर सिग्नल अपने आप समय से पहले छूट जायेगा तो वही यातायात नियम तोड़ने पर सीधे मोबाइल पर मैसेज और घर पर दंड की रसीद पहुंचेगी। यह विशेष आधुनिक यातयात प्रणाली को लागू करने के लिए सरकार 891 करोड़ रूपये खर्च करेगी। जल्द ही इस योजना को जमीन पर लाने के लिए निविदा भी आमंत्रित की जाएगी। ट्रैफिक विभाग को जहाँ इस योजना से राहत मिलेगी वही आरटीओ भी चैन की साँस लेगा। चोरी होने वाले वाहनों का तत्काल पता लगाया जा सकेगा। सिग्नल से गुजरने वाले प्रत्येक वाहन पर तीसरी आँख की नजर होगी। कम्यूटरीकृत होने के नाते तुरंत बारकोड के जरिये ट्रेस किया जा सकेगा।
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आश्चर्य करने वाले तथ्य , ई है मुंबई नगरीय
मुंबई विश्व के टॉप शहरों में शामिल है। देश की आर्थिक राजधानी होने के नाते बैंकिंग , आईटी सहित कई बड़े उद्योग के मुख्या कार्यालय यहाँ हैं। इसी के साथ मायानगरी मुंबई में बॉलीवुड और टीवी दुनिया से जुड़े उद्योग यही है। कुल 438 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला मुंबई पैसे वालों का शहर है इस लिए यहा प्रति हजार व्यक्ति में से 261 के पास तो खुद की गाड़िया हैं। यहा २ हजार किमी से अधिक लम्बी सड़क पर 34 लाख वाहन दौड़ रहे हैं। 95 प्रतिशत सड़क की देखभाल मनपा करती है , बाकी के राज्य सड़क विकास एवं एम्एमआरडीए आदि संसथान है जो देखभाल करते हैं।

