9.jpg)
EC उपचुनाव से पहले आदेश आदेश ठाकरे और शिंदे में किसी को नहीं मिलेगा शिवसेना का चुनाव चिन्ह
No one will get Shiv Sena's symbol in Thackeray and Shinde before EC by-election
महाराष्ट्र में शिवसेना पर अपने-अपने अधिकार का मामला तूल पकड़ने में लगा हुआ है। उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) का गुट और सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का धड़ा दोनों ही पार्टी के सिंबल (Shiv Sena symbol) पर दावा ठोक रहे हैं
महाराष्ट्र में शिवसेना पर अपने-अपने अधिकार का मामला तूल पकड़ने में लगा हुआ है। उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) का गुट और सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का धड़ा दोनों ही पार्टी के सिंबल (Shiv Sena symbol) पर दावा ठोक रहे हैं। हाल ही में अंधेरी ईस्ट उपचुनाव (Andheri East by polls) में शिवसेना के चुनाव चिन्ह 'धनुष और तीर' को लेकर दोनों ही गुट चुनाव आयोग पहुंच हैं। इस मामले में अब चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने अंतरिम आदेश पारित किया है।
शिवसेना के 'धनुष और तीर' के दावे पर अब चुनाव आयोग ने अंतरिम आदेश पारित किया है। ईसी ने अंधेरी पूर्व उपचुनाव में कहा गया है कि दोनों गुटों में से किसी को भी "शिवसेना" के लिए आरक्षित "धनुष और तीर" के प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आदेश के अनुसार, दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे।
किसी को अनुमति नहीं दी जाएगी
ईसी ने कहा कि दोनों गुटों को मौजूदा उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचित फ्री सिंबल की सूची में से ऐसे अलग-अलग प्रतीकों का आवंटन भी किया जाएगा, जो वे चुन सकते हैं। जिसको लेकर दोनों धड़ों को 10 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है।
दरअसल, एकनाथ शिंदे गुट ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा उपचुनाव से पहले शिवसेना के चुनाव चिह्न 'धनुष और तीर' पर अपना दावा किया, जिसके लिए उन्होंने 7 अक्टूबर को ईसी से मांग की थी कि शिवसेना का चुनावचिह्न उन्हें आवंटित किया जाए, जिसके बाद चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे को अपना पक्ष रखने के लिए शनिवार (8 अक्टूबर) दोपहर दो बजे तक का वक्त दिया था। जहां उन्होंने पार्टी और उसके सिंबल को लेकर अपना पक्ष रखा।
उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने हमारे चुनाव चिन्ह को फ्रीज किया है, उसे देखते हुए अदालती कार्यवाही और जांच होनी चाहिए थी। देश में क्या हो रहा है? हम आशा कहां देखते हैं? हम बॉम्बे हाईकोर्ट जाएंगे... संविधान का मजाक बनाया गया है।
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List